Chanakya Niti: जानें वास्तव में कौन है व्यक्ति का सच्चा मित्र

साथ ही उन्होंने मनुष्य को कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से भी अवगत कराया है, जिन्हें जानने वालों उन बातों पर ध्यान देने से व्यक्ति अपने जीवन में कई प्रकार के सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
  
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Chanakya Niti:जीवन में सफलता के लिए आचार्य चाणक्य की नीतियों को बहुत ही उपयोगी माना गया है। उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति में सफलता के कुछ गुण भी बताएं गए हैं, जिनका पालन करने से लाखों युवाओं के जीवन में आ रही अड़चनों को आसानी से पार कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने मनुष्य को कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से भी अवगत कराया है, जिन्हें जानने वालों उन बातों पर ध्यान देने से व्यक्ति अपने जीवन में कई प्रकार के सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

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ये बता दें कि आचार्य चाणक्य की गणना विश्व के श्रेष्ठतम विद्वानों में की जाती है। उन्होंने सही-गलत में अंतर को कई श्लोक और अपनी रचनाओं के माध्यम से समझाया है। साथ ही उन्होंने यह बताया है कि एक सच्चा मित्र कौन होता है और मित्रता का अर्थ क्या है? आइए जानते हैं-

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विद्या मित्रं प्रवासेषु भार्या मित्रं गृहेषु च ।
व्याधितस्यौषधं मित्रं धर्मो मित्रं मृतस्य च ।।

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इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य बता रहे हैं कि विदेश में रहने वाले व्यक्ति का मित्र ज्ञान है, घर में पत्नी और घर के सदस्य मित्र होते हैं। आचार्य आगे बताते हैं कि एक रोगी के लिए उसका मित्र दवा होती है और मृत्यु के बाद धर्म ही सच्चा मित्र होता है। इसलिए जीवन में कभी भी इन मित्रों से बैर नहीं रखना चाहिए और सदैव इनका आदर करना चाहिए।

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आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसण्कटे ।
राजद्वारे श्मशाने च यात्तिष्ठति स बान्धवः ।।

इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य यह बता रहे हैं कि अस्वस्थता के समय, शत्रु से घिर जाने के टाईम या कार्य में जो व्यक्ति सहायक की भूमिका निभाता है और जो मृत्यु के उपरांत भी शमशान तक शरीर को ले जाता है, वही सच्चा मित्र माना जाता है और वह सदैव आपका हित चाहता है।

 

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