भीषण गर्मी की मार झेल रही किसान की सब्जियां, मौसम विभाग ने और बढ़ाई किसानों की टेंशन

  
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देश के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. उत्तर भारत के कई राज्यों में तो तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है. इस गर्मी का असर लोगों के साथ-साथ पशु-पक्षियों और सब्जियों पर भी साफ़  दिखाई दे रहा है. सब्जियों की फसले सूर्य देव की प्रचंड तपिश से झुलसने लगी हैं, जिससे फसलों की पैदावार पर असर पड़ने के कारण सब्जी लगाने वाले किसानों को आर्थिक नुकसानन भुगतना पड़ सकता है. ऐसे में किसान चिंतित हैं.

मॉनसून का इंतजार

किसान मॉनसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. अगर वक्त रहते मॉनसून दस्तक दे देता है तो किसान काफी हद तक नुकसान से बच सकते हैं. यदि अच्छी बारिश होती है तो न केवल सब्जियों की फसलों को संजीवनी मिलेगी बल्कि धान की बुआई के लिए खेत तैयार करने में भी मदद मिलेगी.और किसानों के चहरे भी खिल उठेंगे 

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समय-समय पर करें सिंचाई

गर्मी के दिनों में पौधों और जमीन में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए समय-समय पर जरूरत अनुसार सिंचाई करते रहें. यह कारगर उपाय है, इससे पौधों और जमीन में नमी बनी रहेगी. अगर धान की फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिली तो उसके उत्पादन में कमी आ सकती है.

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के मुताबिक, भारत की 19 प्रतिशत आबादी को मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश और लगभग 13 प्रतिशत आबादी को सामान्य से अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग के पूर्वानूमान के मुताबिक, इस बार केरल में मॉनसून देर से दस्तक देगा. ‘साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम’ (SASCOAF) के अनुसार,  उत्तर में सामान्य से कम बारिश होने की 52 प्रतिशत संभावना है. देश के मध्य भागों में सामान्य से कम वर्षा की 40 प्रतिशत संभावना है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है.

पिछले साल सूखे के प्रकोप के चलते फसल हुई थी चौपट

पिछला साल किसानों के लिए काफी नुकसानदायक रहा है. उत्तर-मध्य भारत में किसानों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा था. उत्तर प्रदेश के तकरीबन 62 जिले में सूखे की स्थिति देखी गई थी. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश में भी किसानों कम बारिश के चलते भारी नुकसान झेलना पड़ा था.

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