सरसों के भाव में आखिर कब तक आएगी तेजी? जानिए इस पोस्ट में तेजी और गिरावट

पिछले दो महीने से सरसों का बाजार स्थिर बना हुआ है। दो महीने की इस अवधि में विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव में थोड़ा सुधार हुआ है। हालांकि, इससे सरसों के भाव को अभी ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला है। इस स्थिरता के बाद अब बाजार बढ़त की ओर बढ़ने को तैयार दिख रहा था, तभी सरकार ने फिर से खुले बाजार में नैफेड सरसों की बिक्री का ऐलान कर दिया।
 
सरसों के भाव में आखिर कब तक आएगी तेजी?  जानिए इस पोस्ट में तेजी और गिरावट

पिछले दो महीने से सरसों का बाजार स्थिर बना हुआ है। दो महीने की इस अवधि में विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के भाव में थोड़ा सुधार हुआ है। हालांकि, इससे सरसों के भाव को अभी ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला है। इस स्थिरता के बाद अब बाजार बढ़त की ओर बढ़ने को तैयार दिख रहा था, तभी सरकार ने फिर से खुले बाजार में नैफेड सरसों की बिक्री का ऐलान कर दिया। इसके बाद बाजार में थोड़ी नरमी तो आनी ही थी। हालांकि बाजार में ज्यादा गिरावट तो नहीं आई, लेकिन जो बढ़त की उम्मीद थी, उस पर ब्रेक लग गया। ऊपर से उत्तर भारत में मानसून कमजोर है, जिसकी वजह से मांग भी उम्मीद से कम है।

सरसों के बाजार को आगे दो चीजों से सपोर्ट मिलता दिख रहा है। एक तो लगातार कमजोर आवक और दूसरा त्योहारी सीजन की शुरुआत। वहीं, भाव को कमजोर करने वाले कारकों पर नजर डालें तो सरकार लगातार खाद्य तेलों का आयात बढ़ा रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकार ने सूरजमुखी तेल का आयात दोगुना कर दिया है। इसकी वजह से बाजार में सरसों तेल को भारी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। इसके अलावा नैफेड की बिकवाली का दबाव भी है।

दूसरा कारक जो भाव को दबा रहा है, वह है सोयाबीन तेल का बेहद सस्ता होना। जो सीधे तौर पर सरसों तेल की मांग को खींच रहा है। उतार-चढ़ाव के इन कारकों के समग्र प्रभाव का विश्लेषण करने की आवश्यकता है क्योंकि इसी से यह स्पष्ट होगा कि आने वाले समय में सरसों और सोयाबीन के भाव में तेजी आएगी या नहीं। आज की रिपोर्ट में हम इसी प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।

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ताजा बाजार अपडेट
किसान मित्रों, जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव में मंगलवार को तेजी देखने को मिली है। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 3 रुपए बढ़कर 11,68 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया और इसके साथ ही एक्सपेलर तेल का भाव भी 3 रुपए बढ़कर 11,58 रुपए प्रति 10 किलो पर बोला गया।

मंगलवार को जयपुर मंडी में सरसों खली का भाव स्थिर रहा और भाव 2640 रुपए प्रति क्विंटल पर रहा। अगर भरतपुर और दिल्ली मंडी की बात करें तो भरतपुर मंडी में सरसों के भाव में 45 रुपए की तेजी आई और भाव 5750 रुपए बोले गए। दिल्ली में बाजार स्थिर रहा और भाव 5975 पर रहा।

प्लांटों पर क्या रहे भाव?

दोस्तों, मंगलवार को तेल मिल प्लांटों पर भाव 25 रुपए की गिरावट के साथ खुले और शाम तक भाव में तेजी आ गई। मंगलवार को सलोनी प्लांट पर सरसों के भाव 6475 से बढ़कर 6550 रुपए हो गए, लेकिन अन्य प्लांटों पर भाव स्थिर देखे गए। आगरा में बीपी प्लांट पर सरसों के भाव 6350 और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव 6300 पर स्थिर रहे। अदानी बूंदी प्लांट पर सरसों के भाव 6175, अदानी अलवर प्लांट पर 6175 और गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के भाव ₹5950 पर स्थिर रहे।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
दोस्तों अगर हाजिर मंडियों के ताजा भावों की बात करें तो राजस्थान की श्री विजयनगर मंडी में सरसों का भाव 5285/5498 और पीली सरसों का भाव 5900, गोलूवाला मंडी सरसों 5577/5631, श्री गंगानगर मंडी सरसों 5544, पीलीबंगा मंडी सरसों का भाव 5396/5540, अनूपगढ़ मंडी सरसों 5335/5547, संगरिया मंडी सरसों का भाव 5438/5506, जैतसर मंडी सरसों का भाव 5310/5715, सूरतगढ़ मंडी सरसों का भाव 5209/5265, नोहर मंडी सरसों का भाव 5450/5650 और लैब 42.25 सरसों का भाव 5875 रहा, अगर हरियाणा की मंडियों की बात करें तो हरियाणा की भट्टू मंडी में सरसों 5505, आदमपुर मंडी सरसों 5580, सिरसा मंडी सरसों का भाव 5700, ऐलनाबाद मंडी सरसों 5000/5622 प्रति क्विंटल बिकी।

विदेशी बाजार अपडेट
कम भाव पर बिकवाली कम होने से मंगलवार को घरेलू बाजार में सरसों के भाव स्थिर रहे। जयपुर में कंडीशन्ड सरसों के भाव पूर्वस्तर 6,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। इस दौरान प्लांट में सरसों के भाव 25-75 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ गए। विदेशी बाजार में आज खाद्य तेलों के भाव में तेजी रही। शाम के सत्र में मलेशियाई पाम तेल के भाव में तेजी रही, तो शिकागो में सोयाबीन तेल के भाव में भी तेजी रही। कारोबारियों के अनुसार एक से 15 जुलाई के दौरान मलेशिया को पाम तेल का निर्यात बढ़ा है।

हालांकि खाद्य तेलों के लिए चीन की आयात मांग उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रही है। ऐसे में विश्व बाजार में खाद्य तेलों के भाव में एकतरफा बड़ी तेजी की उम्मीद कम ही है। घरेलू बाजार में सरसों तेल के भाव में सुधार रहा, जबकि इस दौरान सरसों खली के भाव में स्थिरता रही। उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवक में कमी दर्ज की गई। हालांकि उत्पादक राज्यों में स्टॉकिस्टों के साथ-साथ किसानों के पास सरसों का काफी स्टॉक बकाया है, लेकिन स्टॉकिस्ट कम कीमत पर बेचना नहीं चाहते।

जानकारों के अनुसार खपत सीजन होने के कारण अगस्त में घरेलू बाजार में सरसों तेल की मांग बढ़ेगी, लेकिन इसकी कीमतों में तेजी या गिरावट काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों के भाव पर निर्भर करेगी। तेल और खली के भाव जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव में मंगलवार को तेजी देखने को मिली। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव 3 रुपए बढ़कर 11.68 रुपए प्रति 10 किलो हो गया, जबकि एक्सपेलर तेल का भाव 11.68 रुपए प्रति 10 किलो हो गया।

उत्तर प्रदेश के मंडियों में 55 हजार बोरियों की आवक हुई।

अभी तक आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सरसों के बाजार को प्रभावित करने वाले सभी उपभोक्ताओं को जान लिया गया है। पूरे यूरोपियन को देखने के बाद यह कहा जा सकता है कि इस समय के मसालों के बाजार में तेजी लाने वाले घटक तीन लाख नहीं दिख रहे हैं, लेकिन मसालों में कोई बड़ी तेजी नहीं ला सकता। दूसरी ओर बाजार में मंदी लाने वाले तत्व भी इतने प्रभावशाली नहीं हैं कि उपयोग को बड़ी गिरावट की ओर खींचा जा सके। विदेशी बैंकों से भी कोई खास तेजी या मंदी का समुद्र निकल कर सामने नहीं आ रहा है।

वहां भी बाजार 100-200 की तेजी से मंदी के बीच घूम रहा है। नाफेड की बिकवाली के रूझान को देखने के बाद ही रूझान के बाजार की दिशा तय हो गई। तब तक के लिए आप यह तकनीक अपना सकते हैं कि जुलाई महीने में कारोबार के बाजार में पूरी तरह से डेट चल सके। अगर नाफेड की बड़ी वाली नहीं आती तो निश्चित रूप से जुलाई महीने में 200-400 की तेजी आ सकती थी लेकिन अब जुलाई महीने में बाजार के स्थिर रहने की ही संभावना है बाजार 100 दोस्तों की तेजी के बीच तेजी रह सकती है। जन्माष्टमी के बाद बाजार में फिर से उछाल की संभावना है। व्यापार अपने विवेक से करें।

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