Bhagwan Parshuram: जानें किस दिन है भगवान परशुराम जयंती, आखिर उन्होंने कैसे किया अपने क्रोध पर काबू

परशुराम जी महादेव के परम उपासक होने के कारण ही उन्हें रुद्र शक्ति भी कहा जाता है. वह अपने माता-पिता के उपासक और आज्ञाकारी थे.
  
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Aapni News, Dharam

Bhagwan Parshuram Jayanti 2023: विष्णु जी के अवतार भगवान परशुराम का क्रोध कितना विकराल था, यह पूरा जगत संसार उसको जानता है, फिर भी उन्होंने अपने क्रोध को कंट्रोल किया और शिवजी के अनन्य भक्त प्रभु श्री राम से मिलने के बाद उनके चरणों में अपना क्रोध समर्पित कर दिया और पश्चाताप करने के लिए निकल पड़े.

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उसका क्रोध कभी भी अच्छा नहीं होता है. यह कहा जाता है कि क्रोध करते समय किसी भी व्यक्ति का विवेक समाप्त भी हो जाता है और विवेकहीन पुरुष को पशु के समान व्यवहार करने लगता है. प्रथमतः तो क्रोध करना ही नहीं चाहिए और यदि क्रोध में कभी कोई गलत काम हो जाए या किसी दूसरे के लिए गलत बात मुंह से निकल जाए तो पश्चाताप करते हुए अपनी गलती अवश्य मान लेनी चाहिए.

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परशुराम जी महादेव के परम उपासक होने के कारण ही उन्हें रुद्र शक्ति भी कहा जाता है. वह अपने माता-पिता के उपासक और आज्ञाकारी थे. उसके पिता ऋषि जमदग्नि की हत्या राजा सहस्त्रार्जुन के पुत्रों द्वारा किए जाने से क्रोधित हो कर भगवान परशुराम ने इस धरती को 21 बार क्षत्रियों से विहीन कर दिया था. इसी तरह श्री राम द्वारा शिवजी का धनुष तोड़े जाने पर वह इतना क्रोधित हुए कि अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से तुरंत ही जनकपुर में पहुंच गए, जहां श्रीराम ने धनुष तोड़ा था.

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इस बात पर श्री राम के भाई लक्ष्मण जी से उनकी लंबी बहस भी हुई, किंतु इस बहस के दौरान श्रीराम धैर्य से दोनों का संवाद सुनते ही रहे. श्रीराम के धैर्य से वह इतना अधिक प्रभावित हुए कि अपने क्रोध को श्रीराम के चरणों में समर्पित कर दिया और कभी क्रोध न करने की प्रतिज्ञा लेते हुए अंतर्ध्यान भी हो गए. बैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को उनकी जयंती मनाई जाती है. इसे आखा तीज भी कहते हैं और इसी दिन भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. इस दिन हवन पूजन और दान आदि अवश्य करना चाहिए.  

 

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