Peepal Purnima 2022: इस बार 16 मई को पीपल पूर्णिमा, जानिये इसकी मान्यताएं

Peepal Purnima 2022 Aapni News, New Delhi Peepal Purnima 2022: वैसे तो हर पेड़ किसी ना किसी कारण से उपयोगी है, लेकिन पीपल का पेड़ हर मायने में गुणवत्ता से परिपूर्ण है. पीपल से जहां जीवन रक्षक औषधि मिलती है, वहीं इसमें भगवान का वास भी है. पीपल की जड़...
  
Peepal Purnima 2022: इस बार 16 मई को पीपल पूर्णिमा, जानिये इसकी मान्यताएं

Peepal Purnima 2022

Aapni News, New Delhi

Peepal Purnima 2022: वैसे तो हर पेड़ किसी ना किसी कारण से उपयोगी है, लेकिन पीपल का पेड़ हर मायने में गुणवत्ता से परिपूर्ण है. पीपल से जहां जीवन रक्षक औषधि मिलती है, वहीं इसमें भगवान का वास भी है. पीपल की जड़ में विष्णु, तने में कृष्ण, शाखाओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि निवास करते हैं. पंडित सुरेश श्रीमाली से जानिए एक लोटा जल से कैसे होगा पीपल पूर्णिमा पर ग्रह दोष दूर और कैसे होंगे पितृ प्रसन्न….

वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों का महत्व

इस महीने की 16 तारीख को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पीपल पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन पीपल के वृक्ष की विशेष पूजा करने से परिवार में मंगल, उन्नति, विकास और समृद्धि बनी रहती है. सूर्य उदय के बाद पीपल वृक्ष में मां लक्ष्मी का वास होता है. इसी वजह से सूर्योदय के पहले इसकी पूजा नहीं करनी चाहिए. इसे काटना और नष्ट करना तो ब्रह्म हत्या के समान है. वही Scientific देखें तो पीपल अधिक ऑक्सीजन देने वाला अनोखा पेड़ है. हमेशा पीपल के वृक्ष में पानी डालने के बाद इसकी परिक्रमा करनी चाहिए. क्योंकि पानी डालने के तुरंत बाद पीपल अधिक आक्सीजन देता है. साथ ही कुएं के पास पीपल का उगना आज भी शुभ माना जाता है.

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पीपल पूजा से दूर होते हैं ग्रह और पितृ दोष

सूर्य उदय के बाद एक लोटा स्वच्छ जल पीपल के वृक्ष में अर्पित कर इसकी तीन परिक्रमा करें. जिससे शनि, गुरु ग्रह शुभ फल देंगे. इससे आपकी दरिद्रता, दु:ख और दुर्भाग्य भी दूर होगा और इसके दर्शन और पूजन से दीर्घायु तथा समृद्धि प्राप्त होगी. इस दिन अगर आप पीपल के पौधे लगाए तो कई प्रकार के दोष दूर होते हैं और देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त बनी रह.

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बता दें कि पीपल पूर्णिमा पर कई शुभ कार्य भी किए जाते हैं वहीं अगर किसी कन्या की कुंडली में विधवा योग हो तो पहले पीपल वृक्ष या घड़े के साथ शुभलग्न में उसकी शादी कराने के बाद उसका विवाह लंबी आयु वाले वर से कराने में लड़की का वैधव्य योग समाप्त हो जाता है. क्योंकि ऐसा करने से ग्रहों के अनिष्टकारी प्रभाव भगवान विष्णु ग्रहण कर लेते हैं और कन्या का सौभाग्य बना रहता है.

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