साधारण धार्मिक बुक नहीं है गीता, जानिए उसके गूढ़ रहस्यों का सार

Aapni News, New Delhi “गीता जो है वह दो व्यक्तियों के बीच ही चर्चा नहीं है, यह दो अस्तित्व के बीच, दो दुनिया के बीच, दो लोगों के बीच, दो अलग-अलग आयाम जो समांतर दौड़ रहे हैं उनके बीच चर्चा है। इसलिए दुनिया में गीता जैसी दूसरी किताब नहीं है।...
  
साधारण धार्मिक बुक नहीं है गीता, जानिए उसके गूढ़ रहस्यों का सार

Aapni News, New Delhi
“गीता जो है वह दो व्यक्तियों के बीच ही चर्चा नहीं है, यह दो अस्तित्व के बीच, दो दुनिया के बीच, दो लोगों के बीच, दो अलग-अलग आयाम जो समांतर दौड़ रहे हैं उनके बीच चर्चा है। इसलिए दुनिया में गीता जैसी दूसरी किताब नहीं है। क्योंकि इतना सीधा डायलॉग, ऐसा सीधा संवाद और कहीं नहीं है। रामायण है वह राम के जीवन की लंबी कथा है। बाइबिल है वह जीसस के अनेक-अनेक अवसरों पर अनेक-अनेक अलग-अलग लोगों को दिए गए वक्तव्य हैं। कुरान है ईश्वर का संदेश है मनुष्य जाति के प्रति मोहम्मद के द्वारा निवेदिता। लेकिन कोई भी डायलॉग नहीं है सीधा। गीता सीधा डायलॉग है। मैं-तूं की हैसियत से दो दुनिया सामने खड़ी है। एक तरफ सारी मनुष्यता का डामाडोल मन अर्जुन के रूप में खड़ा है और दूसरी तरफ सारी भगवता अपने निचोड़ में कृष्ण के रूप में खड़ी है। इन दोनों के बीच सीधा एनकाउंटर है, सीधी मुठभेड़ है। यह बहुत अनूठी घटना है इसलिए गीता ने एक अनूठा अर्थ ले लिया है। वह फिर साधारण धार्मिक किताब नहीं है। उसको हम और किसी किताब के साथ तोड़ भी नहीं सकते, वह अनूठी है।”

संत परमहंस परमेश्वरानंद महाराज

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