Sita Navmi and Ravi Yog: इस शनिवार सीता नवमी, रवियोग होने से एक साथ होगी सूर्य और रवि की पूजा

  
Sita Navmi

Aapni News, Religion

इस शनिवार यानी 29 अप्रैल को सीता नवमी है, वहीं शनिवार शनिदेव की पूजा के साथ रवियोग होने के कारण इस दिन माता सीता की पूजा के साथ शनि और सूर्य की पूजा भी साथ-साथ होगी। पंचांग के अनुसार 29 अप्रैल को रवियोग दोपहर बाद से लग रहा है। दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से रवि योग रहेगा और अगले दिन 30 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसी मान्यता है कि इस योग में पूजा करने से कई प्रकार की समस्याओं का निवारण होता है। खासकर अगर कुंडली में सूर्य और शनि के दोष हो तो इस योग में सूर्य के उपाया और शनि के उपाय विशेष फल देते हैं।

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ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रवियोग होता है, उस दिन सूर्य बहुत अधिक प्रभावशाली होते हैं, इसलिए इस योग में किए गए कार्य सफल परिणाम देते हैं। इस योग में आपका काम बिगड़ता नहीं है।  इसलिए इस दिन सूर्य के प्रभावों को कम करने के लिए गेंहू का दान और सूर्य को जल अर्पित करें। वहीं शनि के दोष कम करने के लिए काले तिल दान करें। 29 अप्रैल को ही माचा सीता का जन्मोत्सव है को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है। माता सीता को मां जानकी नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि सीता नवमी पर व्रत भी रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने का बहुत अधिक महत्व होता है। खासकर सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं।

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