पंच ग्रही योग में आज मनाया जायेगा अक्षय तृतीया का त्योहार, जानें क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य

  
अक्षय तृतीया

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वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का दिन दीपावली और धनतेरस के समान पुण्यफलदायी होता है। क्योंकि इस दिन अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि 22 अप्रलै को सुबह 07.50 से 23 अप्रैल को सुबह 07.48 मिनट तक है। अक्षय तृतीया को स्वंयसिद्ध मुहूर्त माना गया है. इस दिन मांगलिक कार्य और सोना-चांदी, मूल्यवान चीजों की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी घर में वास करती है।

इस संबंध में भागवताचार्य आचार्य किशन स्वरूप दुबे का कहना है कि इस साल अक्षय तृतीया बहुत खास है क्योंकि इस दिन पंचग्रही योग बन रहा है जिससे कई राशियों को धन व नौकरी में लाभ मिलेगा। इस साल अक्षय तृतीया पर 125 साल बाद मेष राशि में 5 ग्रह सूर्य, गुरु, बुध, राहु और यूरेनस पंचग्रही योग का निर्माण करेंगे वहीं अक्षय तृतीया पर सूर्य मेष में और चन्द्रमा वृषभ यानी दोनों ही ग्रह अपनी उच्च राशि में होते है। जबकि इस दिन चंद्रमा और शुक्र दोनों वृष राशि में होकर बेहद शुभ फलदायी स्थिति में होंगे. ये शुभ योग का संयोग कई राशियों को बंपर लाभ देगा।

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उन्होंने बताया शास्त्रों में इस अक्षय तृतीया की तिथि को स्वयंसिद्ध मुहूर्त और युगादि तिथि कहा गया है। इस दिन कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य करने के लिए पंचांग देखने को जरूरत नहीं है, इस दिन किया गया कोई भी शुभ कार्य अति शुभ फलदायक माना जाता है। साथ ही इस दिन सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ भी हुआ था। इस बार अक्षय तृतीया पर सर्वार्थ सिद्धि योग, त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग, सौभाग्य योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इन शुभ योग में किया गया धार्मिक कार्य जैसे पूजा, जप-तप, दान आदि कार्यों को बेहद शुभ फल मिलता है।

आचार्य दुबे ने अक्षय तृतीया पर शुभ योग करने का महत्व बताते हुए कहा कि अक्षय तृतीया पर वे सर्वार्थ सिद्धि नामक अत्यंत शुभ योग कर रहे हैं. यह योग रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ होकर 23 अप्रैल प्रातः 05 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में शुरू किया गया कोई भी शुभ कार्य अवश्य सफल होता है। अक्षय तृतीया पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। यह शुभ योग तीन ग्रहों के मिलने से बनता है। यह योग सुबह 5 बजकर 49 मिनट से 7 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इस शुभ योग में किए गए किसी भी शुभ कार्य का तीन गुना अधिक फल मिलता है। अक्षय तृतीया पर आयुष्मान योग भी बन रहा है। भारतीय संस्कृति में जब आप बुजुर्गों के पेरो को छूते हैं तो कई लोग कहते हैं आयुष्मान भवः मतलब आप दीर्घायु हों। आयुष्मान योग में यदि आप कोई कार्य कर रहे हैं तो उसका फल लंबे समय तक मिलता है।

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