पिता की हत्या का बदला लेने के लिए, हिस्ट्रीशीटर बृजेश सिंह का किया मर्डर

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उत्तर प्रदेश के देवरिया में 5 दिन पहले हिस्ट्रीशीटर बृजेश सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक हिस्ट्रीशीटर भी शामिल है. एक अन्य आरोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है. पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैथाना प्रभारी संदीप सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी ज्ञानेश्वर पांडेय के पिता की साल 1985 में देवरिया कचहरी में बम मारकर हत्या कर दी गई थी. उस केस में बृजेश सिंह सहित चार आरोपी शामिल थे. इसमें भरत प्रसाद नाम के आरोपी की 1997 में हत्या कर दी गई थी. वारदात में शामिल दो अन्य को सजा हो गई थी.
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बृजेश सिंह की हत्या के लिए ज्ञानेश्वर पांडेय ने दो हिस्ट्रीशीटर का सहारा लिया. इनमें एक राजेश मिश्रा और दूसरा अज्ञात है. इन दोनों ने ज्ञानेश्वर के कहने पर पैसे लेकर बृजेश सिंह की सिर कुचलकर हत्या कर दी और शव तुर्तीपार रेलवे स्टेशन हाल्ट के पास फेंक दिया था. आरोपियों ने बृजेश सिंह के प्राइवेट पार्ट को भी चोट पहुंचाई थी.इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. इसी के तहत पुलिस ने दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया, वहीं एक आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर है, जिसकी तलाश की जा रही है. ज्ञानेश्वर ने घटना में शामिल दोनों हिस्ट्रीशीटरों को 8 हजार रुपये दिए थे, बाकी की कुछ रकम देनी थी.
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बता दें कि थाना लार क्षेत्र के बौली वार्ड निवासी हिस्ट्रीशीटर बृजेश सिंह कुख्यात अपराधी था, जिसकी रविवार को हत्या कर शव रेलवे स्टेशन हाल्ट के पास फेंक दिया गया था. इस मामले में बृजेश सिंह के भतीजे की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था.
पुलिस की जांच-पड़ताल के बीच सुलझी हत्या की गुत्थी
जब जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने थाना सुरौली के ग्राम सिसवा पांडेय के रहने वाले ज्ञानेश्वर पांडेय और राजेश मिश्रा निवासी ग्राम देवपार थाना सलेमपुर को पकड़ा तो हत्या की गुत्थी सुलझ गई. थाना प्रभारी ने बताया कि ज्ञानेश्वर पांडेय ने पूछताछ में बताया है कि उसके पिता विजय पांडेय की साल 1985 में पट्टीदारी के विवाद में देवरिया कचहरी में बम मारकर हत्या कर दी गई थी.
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कचहरी में चार बदमाशों ने की थी बम मारकर हत्या
देवरिया कचहरी में 38 साल पहले बम मारकर की गई हत्या में बृजेश सिंह समेत चार बदमाश शामिल थे. घटना में शामिल भरत प्रसाद की 1997 में हत्या कर दी गई थी, जबकि बिहार के दो बदमाश जेल में हैं और चौथा लार थाना का हिस्ट्रीशीटर बृजेश सिंह था. उसकी हत्या के लिए ज्ञानेश्वर ने राजेश मिश्रा समेत दो हिस्ट्रीशीटर को हायर किया और पैसे देकर हत्या करवा दी.एडिशनल एसपी राजेश सोनकर ने बताया कि हत्या की घटना में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एक आरोपी की पुलिस तलाश कर रही है.
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