बिहार: पुलिस पुलिस ने आधी रात को किया किसानों पर लाठीचार्ज, भड़के लोगों ने लगा दी पुलिस की गाड़ियों को आग

Aapni News, Bihar
बिहार के बक्सर जिले में पुलिस ने रात 12 बजे घर में सो रहे किसानों पर बेरहमी से लाठीचार्ज कर दिया। इसका वीडियो किसानों के परिजनों ने शेयर किया और पूछा कि अपराधियों के सामने घुटने टेकने वाली पुलिस हमें इतनी बेरहमी से क्यों पीटती है। पुलिस कार्रवाई से आक्रोशित किसानों ने पुलिस वाहनों में आग लगा दी।
दरअसल, एसजेवीएन ने 2010-11 से पहले ही चौसा में बिजली संयंत्र के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। वर्ष 2010-11 के सर्किल रेट के अनुसार किसानों को मुआवजा मिला। कंपनी ने जब 2022 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की तो किसान अब जमीन अधिग्रहण के लिए मौजूदा दरों पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
किसानों का आरोप है कि कंपनी पुराने रेट पर मुआवजा देकर जबरन जमीन अधिग्रहण कर रही है। इसके खिलाफ किसान पिछले 2 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इस पर पुलिस रात में घर में घुस गई और महिलाओं, पुरुषों व बच्चों पर बेरहमी से लाठीचार्ज कर दिया। इससे किसान भड़क गए और पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें कई वाहनों को आग लगा दी गई।
कंपनी ने चौसा में थर्मल पावर प्लांट लगाने से पहले जिले के किसानों से वादा किया था कि वह अपने सीएसआर फंड से यहां स्कूल, होटल और रोजगार के अवसर मुहैया कराएगी, जिससे चारों तरफ खुशहाली आएगी, स्थानीय लोगों को नौकरियों में तरजीह दी जाएगी। लेकिन जैसे ही किसानों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, कंपनी अपने वादे से मुकर गई।
रात 12 बजे किसानों के घरों में घुसे मुफसिल थाने के एसएचओ अमित कुमार कहते हैं, 'रात में पुलिस उन किसानों को गिरफ्तार करने गई थी जिनके खिलाफ एसजेवीएन पावर प्लांट ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पुलिस पर हमला किया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।'
जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर ने आरोप लगाए कि किसानों ने मारपीट की हैं, लेकिन एक सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस का अमानवीय चेहरे की पोल खोल दी है। इस वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किसान के घर के बाहर पहले से ही पुलिस खड़ी है और दरवाजा बंद है। पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने अपने घरों में भी सीसीटीवी लगा रखा है।
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