मनीष सिसोदिया की गर्दन पकड़ ले गई दिल्ली पुलिस, भड़की AAP

  
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शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक बार फिर कोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली की राउज ऐवन्यू अदालत ने उन्हें 1 जून तक फिर तिहाड़ जेल में  भेज दिया है। कोर्ट से निकलते समय उन्होंने दिल्ली सरकार से ट्रांसफर-पोस्टिंग अधिकार छीनने वाले अध्यादेश को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की। उन्होंने अध्यादेश को पीएम मोदी का घमंड करार बताया । हालांकि, इस दौरान पुलिस ने उन्हें मीडिया से बातचीत करने से रोका और अधिकारी जल्दी से खींचकर बाहर ले गए। आम आदमी पार्टी ने इसे उनके नेता के साथ दुर्व्यवहार करार दिया और कार्रवाई करने की मांग की है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की और पूछा कि क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है?

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कोर्ट से इसका संज्ञान लेने की अपील की। उन्होंने ट्वीट किया,'पुलिसिया गुंडागर्दी चरम पर, मनीष सिसोदिया का का गर्दन पकड़कर खींचता हुआ ये पुलिस अधिकारी अपने आका को खुश करने के चक्कर में भूल गया की न्यायालय इसकी नौकरी भी ले सकता है। मा.न्यायालय इस घटना का संज्ञान ले। मोदी जी आपकी तानाशाही पूरा देश देख रहा है।' इस बीच दिल्ली पुलिस ने  मीडिया में सामने आए वीडियो को लेकर बयान जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने दुर्व्यवहार के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि इसे सुरक्षा से जुड़ा कदम बताया है।

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के समय मनीष सिसोदिया के साथ पुलिस दुर्व्यवहार की बात दुष्प्रचार है। वीडियो में प्रचारित पुलिस की प्रतिक्रिया सुरक्षा की दृष्टि से अनिवार्य थी। न्यायिक अभिरक्षा में अभियुक्त द्वारा मीडिया को वक्तव्य जारी करना विधि विरुद्ध बताया  है। 

दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया जी  को गिरफ्तार किया था। इसी साल फरवरी के महीने में सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया, उसके बाद से वो लगातार जेल में बंद हैं। सीबीआई ने इस शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया समेत कई लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से प्रवर्तन निदेशालय भी अपनी जांच कर रहा है। 

सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने फर्जी ईमेल प्लांट किये थे। यह भी आरोप लगाए गए हैं कि सिसोदिया ने आबकारी विभागी द्वारा तैयार कैबिनेट नोट के मसौदे को नष्ट कर दिया था। इसके अलावा सिसोदिया पर कई मोबाइल फोन भी नष्ट करने के आरोप लगाये गये हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी के सभी बड़े नेता इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं।

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