Upsc Success Story: डॉक्टरी छोड़ बनी आईएएस अधिकारी, सिर्फ दो महीने में पास किया UPSC एक्जाम

कहते हैं की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। इस वाक्य को तनु जैन ने सच कर दिखाया है। उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर IAS के पद हासिल कर लिया तनु जैन ने डॉक्टरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और इस बनकर ही दम लिया।
 
 Upsc Success Story: डॉक्टरी छोड़ बनी आईएएस अधिकारी, सिर्फ दो महीने में पास किया UPSC एक्जाम
 Upsc Success Story:

कहते हैं की कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती है। इस वाक्य को तनु जैन ने सच कर दिखाया है। उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर IAS के पद हासिल कर लिया dr tanu तनु जैन ने डॉक्टरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और इस बनकर ही दम लिया। आईए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी

ग्रेजुएशन के दौरान की यूपीएससी की तैयारी

दरअसल, हम बात कर रहे हैं 2015 IAS बैच की सदस्य डॉक्टर तनु जैन की। वह मूल रूप से दिल्ली के सदर इलाके की रहने वाली है। उन्होंने सुभारती मेडिकल कॉलेज से बैचलर आफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हासिल की।

कैंब्रिज स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। डेंटिस्ट की डिग्री हासिल करने के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने की सोच ली थी। और अपनी तैयारी शुरू की अंत में IAS आईएएस अधिकारी बनने में सफल हुई।

2 महीने की तैयारी में पास किया यूपीएससी प्री एग्जाम

हालांकि, उनकी IAS आईएएस बनने की यात्रा कई मुश्किलों से भरी थी। उन्होंने अपने पहले प्रयास में केवल दो महीने की तैयारी में ही यूपीएससी सिविल सेवा की परिप्रेक्षा पास कर ली थी।

लेकिन मेंस परीक्षा में पास नहीं हो पाई। साल 2014 में अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 648वीं  रैंक rank हासिल की।

हरियाणा-राजस्थान सहित देश-विदेश की हर खबर सबसे पहले पाने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े 👇👇 ज्वाइन करें

ड़ॉ. तनु जैन IAS Tanu Jain को लाखों लोग करते हैं फॉलो

अपनी सफलता के बाद डाक्टर तनु जैन ने खुद के कई सोशल इनिशिएटिव मोटिवेशनल स्पीकिंग और राइटिंग के लिए समर्पित कर दिया। 

इंस्टाग्राम पर 840K से अधिक फॉलोअर्स उनकों फॉलो करतें हैं जहां इस योगदान और दृष्टि के लिए उनकी प्रशंसा की जाती है।

लगभग 8 साल के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया

सिविल सेवा में लगभग 8 साल के सफल करियर के बावजूद तनुजा ने अपना पद छोड़ दिया। और फूल टाइमिंग टीचिंग पर ध्यान केंद्रित करने का साहसी निर्णय लिया।

अपने निर्णय के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा सिविल सेवा में मेरी नौकरी संतोषजनक थी। लेकिन लगभग 8 साल तक काम करने के बाद मैं यूपीएससी की तैयारी में चुनौतियों को पहचाना।

परीक्षा की तैयारी के संघर्षों का व्यक्तिगत रूप से सामना करने के बाद में समझती हूं। कि उम्मीदवारों को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

जीवन विकास के अवसर प्रदान करता है। और मेरे पति भी सिविल सेवा में कार्य कर रहे हैं। इसलिए मुझे जोखिम उठाने और अपने जीवन में एक नया ध्यान लिखने की शक्ति प्रदान हुई।

Tags

Around the web