आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसे व्यक्ति का वर्णन किया है जो शत्रु को भी वश में करने की शक्ति रखता है।
जो शत्रु को भी वश में करने की शक्ति रखता है।
उन्होंने असंभव कार्यों को भी संभव कर दिखाया है।