महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने जीवन दर्शन को लेकर कई नीतियां बताई हैं।
उन्हें मृत्यु के बाद स्वर्ग की कामना नहीं करनी चाहिए।
क्योंकि ऐसी संतान हमेशा अपने माता-पिता का ख्याल रखती है और बुढ़ापे में उन्हें कष्ट नहीं होने देती।
धरती ही उस व्यक्ति को भी स्वर्ग का एहसास कराती है।
नई सीढ़ियां चढ़ता है। ऐसे लोग हमेशा खुश और समृद्ध रहते हैं।
जिसके मन में संतोष नहीं है, उसे सुख नहीं मिलता।