ऐसे लोगों से दोस्ती आपको कर देगी बर्बाद! भूलकर भी ना बनाएं इन्हें अपना दोस्त
चाणक्य को भारत का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री और विद्वान माना जाता है।
चाणक्य को भारत का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री और विद्वान माना जाता है।
चाणक्य नीति में एक श्लोक है- दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः। सर्पो दंसति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे।॥ इस श्लोक में सांप को दुष्ट व्यक्ति से श्रेष्ठ बताया गया है।
इस श्लोक का अर्थ है- अगर हम दुष्ट व्यक्ति और सांप में अंतर देखें तो इन दोनों में सांप श्रेष्ठ है, क्योंकि सांप एक बार ही काटता है। लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर कदम पर काटता है।
चाणक्य ने इस श्लोक में यह समझाने की कोशिश की है कि किसी व्यक्ति को अपना मित्र और सहयोगी बनाने से पहले आपको उसके व्यवहार के बारे में जान लेना चाहिए।
अगर आप एक बार किसी दुष्ट व्यक्ति की संगत में आ गए तो आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। भविष्य में आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
अगर आप उसे यह सोचकर माफ कर देते हैं कि भविष्य में वह बेहतर हो जाएगा या वह अपने कामों पर नियंत्रण कर लेगा तो ऐसा सोचना आपकी भूल है।
दुष्ट व्यक्ति का स्वभाव कभी नहीं बदलता। वह किसी न किसी तरह से आपको छोटा या बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे व्यक्ति से हमेशा दूर रहें।