माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण और मार्गदर्शन करते हैं।
माता-पिता बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं। माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण और मार्गदर्शन करते हैं।
जो बच्चों को कम उम्र में ही सिखाना बहुत ज़रूरी है।
दूसरों की बात सुनना सिखाएँ।
ताकि छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करने पर उन्हें आप पर निर्भर न होना पड़े।
यह ज़रूरी है कि बच्चे अपनी गलतियों से कुछ सीखें।
ताकि बड़े होने पर वे अपनी सभी ज़िम्मेदारियों को पूरा कर सकें।
समय के अनुसार अपने सभी काम पूरे कर सकें।
दयालु होना भी सिखाएँ। ताकि वे अपने साथ-साथ दूसरों के बारे में भी सोचें।
के बारे में बताएं और उन्हें पैसे की कद्र करना सिखाएं।