सोमवती अमावस्या को पिठोरी अमावस्या और भाद्रपद अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
जिससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
भगवान विष्णु की पूजा करें।
तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें।