अपनी पुस्तक नीति शास्त्र में चाणक्य ने तीन ऐसी जगहों का जिक्र किया है
जगहों पर शर्म और संकोच महसूस करते हैं, वे दुनिया से बहुत पीछे रह जाते हैं।
जहां व्यक्ति को कभी भी शर्म महसूस नहीं करनी चाहिए।
तो आपको आर्थिक नुकसान होगा।
नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोग भी दौड़ में बहुत पीछे रह जाते हैं।
समाधान पूछता है। ऐसे लोग जीवन में बहुत तरक्की करते हैं।