आचार्य चाणक्य को भारत का सबसे विद्वान अर्थशास्त्री कहा जाता है।
'वरं प्राणपरित्यागो मानभंगं जीवनात। प्रत्यगे क्षणं दुःख मानभंगें दिने दिने।'
व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में अपने सम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए।
जिस जगह व्यक्ति का सम्मान नहीं होता, वह जगह उसके लिए मृत्युलोक के समान होती है।
लेकिन अपमान धीरे-धीरे करके पूरे जीवन को खत्म कर देता है।