वे हमेशा उसके साथ रहते हैं।
उन कर्मों का फल मृत्यु के बाद भी उसके साथ जाता है।
उसे उसी के अनुसार फल भोगना पड़ता है।
उसे दूसरों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
तो वह किसी न किसी समस्या से जूझता रहता है।
मृत्यु के बाद भी नरक की पीड़ा भोगता है।