Pea Farming: किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है मटर की खेती, जानें विस्तार से

 
Pea Farming: किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है मटर की खेती, जानें विस्तार से
Pea Farming: मटर रबी की फसल में शामिल एक सामान्य दाल है। जिसकी मांग साल भर देशभर के अलग-अलग राज्यों में रहती है। वहीं पारंपरिक खेती के अलावा किसानों का रुझान सब्जी बागवानी की ओर भी हो गया है, ऐसे में ग्रामीण इलाकों में भी किसान मटर की खेती करना पसंद कर रहे हैं. सर्दियों के मौसम में मटर की पैदावार अच्छी होती है. इससे किसानों को दोहरा फायदा भी होता है. एक तो खेतों में फसल चक्र की दृष्टि से यह किसानों के लिए फायदे का सौदा है और साथ ही खेती में मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक है।
मटर की किस्में
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मटर की दो किस्में कौन सी हैं?
पीबी-89: पंजाब में उगाई जाने वाली बीज की एक उन्नत किस्म। इस किस्म की फलियाँ जोड़े में उगती हैं। यह बुआई के लगभग 90 दिन बाद तैयार हो जाती है. इसके बीज प्रचुर मात्रा में और मीठे होते हैं। वहीं, इसकी औसत उपज 60 क्विंटल प्रति एकड़ है. Also Read: Millets Store: मोटे अनाज की दुकान खोलकर करें कमाई, सरकार से मिलेगी 20 लाख रुपये की सब्सिडी Pea Farming: किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है मटर की खेती, जानें विस्तार से Pea Farming अर्केल: यह एक प्रकार की यूरोपीय किस्म है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये मटर जल्दी पक जाते हैं. साथ ही इस मटर में दाने भी अधिक होते हैं. आप इसकी फली को बुआई के लगभग 60 दिन बाद तोड़ना शुरू कर सकते हैं.
Pea Farming: क्यों है किसानों की पहली पसंद?
मटर की खेती कम समय में अच्छा मुनाफा देती है, जिससे किसानों के बीच इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. मटर की बुआई सितम्बर के अंत से अक्टूबर तक की जाती है। एक ओर जहां मटर की खेती कम समय में अधिक उपज देती है. साथ ही यह खेत की उर्वरता बढ़ाने में भी सहायक है. मटर का उपयोग सब्जी के साथ-साथ दाल के रूप में भी किया जाता है। Also Read: New Variety of Paddy: वैज्ञानिकों ने इजाद की धान की नई वेरायटी, बंपर पैदावार के साथ पराली जलाने से मिलेगी निजात Pea Farming: किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है मटर की खेती, जानें विस्तार से Pea Farming
हर सब्जी का साथी
Pea Farming: भारतीय रसोई में मटर हर घर की पसंदीदा है। इसकी खासियत यह है कि यह ज्यादातर सब्जियों का स्वाद बढ़ा देता है। देश के हर राज्य में मटर का इस्तेमाल विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। साथ ही इसकी फसल जल्दी खराब नहीं होती है.

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