मोटे अनाज की ओर बढ़ा किसानों का रुझान, सरकार दे रही बीज खरीदने पर 50% सब्सिडी
मक्के की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को मक्के के बीज खरीदने पर करीब 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। वहीं श्री अन्न के लिए किसानों को मुफ्त बीज मुहैया कराया जा रहा है। मोटे अनाज और श्री अन्न की खेती के लिए सरकार की ओर से मिल रही सब्सिडी और अन्य मदद से बलिया जिले के किसानों का रुझान बढ़ा है।
जिले में जहां 35000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मक्के की खेती हो रही है, वहीं कई किसान श्री अन्न की ओर अग्रसर हुए हैं। सरकार की ओर से मक्के के बीज पर जहां 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है, वहीं श्री अन्न के लिए किसानों को मुफ्त में बीज दिए गए हैं। मक्के की खेती अधिक होने पर स्वरोजगार के लिए सरकार की ओर से पॉप कॉर्न मशीन भी मुहैया कराई जा रही है। खास बात यह है कि इसके लिए जिले में चार क्रय केंद्र भी बनाए गए हैं। जिले में तीनों सीजन में इसका उत्पादन होता है। इसके अलावा जिले में कई कृषक उत्पादक संगठनों की ओर से भी श्री अन्न की खेती की जा रही है। अधिक उत्पादन होने पर केंद्रीय बीज उत्पादन की ओर से खरीद भी की जाती है। जिला कृषि अधिकारी पवन कुमार प्रजापति ने बताया कि मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है।
इसके लिए सरकार की ओर से सब्सिडी के अलावा अन्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। वहीं, जिले के किसानों की मिट्टी की सेहत काफी खराब है। मिट्टी की जांच में नाइट्रोजन और पोषक तत्वों की भारी कमी है। किसान इसी रिपोर्ट कार्ड के आधार पर खाद का प्रयोग कर सकेंगे। कृषि विभाग की ओर से किसानों को हरी खाद का स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जाएंगे। इसके साथ ही किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। जागरूकता अभियान के जरिए किसानों को हरी खाद का अधिक से अधिक मात्रा में प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 19 फरवरी 2015 को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य खेतों में मौजूद पोषक तत्वों की सटीक जानकारी देना है। देश के किसानों को एसएचसी 3 साल बाद दिया जाता है, ताकि जरूरत के हिसाब से खाद का प्रयोग कर कम लागत में अधिक उपज और मुनाफा लिया जा सके। वित्तीय वर्ष 24 व 25 में 17000 मृदा परीक्षण का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 170 गांवों के किसानों से शत-प्रतिशत नमूने लिए जा चुके हैं।
मृदा परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुद्रण का कार्य चल रहा है। अब तक जिले के सभी ब्लाकों के 11093 किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड मुद्रित हो चुके हैं। बांसडीह, गड़वार, चिलकहर, हनुमानगंज, मनियर, पंद्रह, रसड़ा व सोहांव विकास खंडों में लक्ष्य के अनुरूप शत-प्रतिशत मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्गत हो चुके हैं। उप कृषि निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि जिन विकास खंडों के कार्ड अभी मुद्रित नहीं हो सके हैं, उनके कार्ड भी मुद्रित कराए जा रहे हैं। कृषि से संबंधित अधिकारी पहले से मुद्रित कार्ड किसानों के घर पहुंचाएंगे और रिपोर्ट के अनुसार मार्गदर्शन भी देंगे।