Haryana: हड़ताल खत्म होने से धान की कीमत 300 रुपये बढ़ी, 1509 की कीमत और बढ़ने की आशंका
Oct 21, 2023, 06:31 IST
Aapni News, Haryana ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल खत्म होने के बाद अनाज मंडियों में खरीद की स्थिति में सुधार हुआ है. 1509 किस्म सहित बारीक धान की कीमत में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पीआर (मोटा) धान भी एमएसपी पर बिकने लगा है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नाथीराम गुप्ता और प्रांतीय प्रधान सुशील जैन के आह्वान पर हरियाणा और पंजाब समेत सभी सात बासमती उत्पादक राज्यों के निर्यातकों से बासमती समेत बारीक धान की खरीद 15 अक्टूबर से बंद कर दी गई थी, जिस पर केंद्र ने रोक लगा दी थी। गुरुवार को अधिकारियों. आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया। हड़ताल के पहले दिन शुक्रवार को अनाज मंडियों में धान की खरीद में तेजी देखी गई है, जबकि चावल मिलर्स और निर्यातकों ने खरीदारी शुरू कर दी है. हरियाणा अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी और करनाल मंडी एसोसिएशन के उपप्रधान राज कुमार सिंगला ने बताया कि अनाज में निर्यातकों की हड़ताल के दौरान 1509 आदि बढ़िया किस्म का धान जो 2700 से 2800 रुपये तक बिकने लगा था। करनाल सहित जिले भर के बाजारों में आज यह 3000 से 3100 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, इसके और बढ़ने की संभावना है। हड़ताल से पहले यह धान 3400 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था. शुक्रवार को पीआर धान की बिक्री में भी सुधार हुआ है, जो 200 रुपये कम दाम पर बिक रहा था, वह एमएसपी पर बिका। बॉर्डर पर रोका जा रहा धान, लगी लाइनें सरकार द्वारा पीआर यानी मोटे धान की खरीद की जा रही है, पड़ोसी राज्यों से इस धान को हरियाणा में लाने पर प्रतिबंध है, लेकिन पिछले तीन-चार दिनों से देखा जा रहा है कि यूपी से आने वाले 1509 और 1121 धान की किस्मों को हरियाणा राज्य की सीमा पर रोका जा रहा है। इसके चलते करनाल-शामली बॉर्डर पर शामली की ओर धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लंबी कतार लग गई है. इस पर चिंता जताते हुए आढ़तियों ने कहा कि 1509 किस्म के धान को हरियाणा में आने से रोकना गलत है, क्योंकि इस धान की खरीद एमएसपी पर नहीं होती है, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई के संकेत कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान से मिलते हैं. शुक्रवार को करनाल पहुंचे। मिला, जिसमें उन्होंने कहा कि हरियाणा की अनाज मंडियां सिर्फ हरियाणा के किसानों के लिए हैं.