Millet Cultivation: बाजरा किसानों के हुए वारे-न्यारे, भाव पहुंचा ₹2600 गेहूं के रेट बराबर

 
Millet Cultivation: बाजरा किसानों के हुए वारे-न्यारे, भाव पहुंचा ₹2600 गेहूं के रेट बराबर
Millet Cultivation: राजस्थान में बाजरा किसानों के वारे-न्यारे हो गए। यहां पर बाजरा के दाम में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। यहां पर बाजरा का भाव 2600 रूपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है जो कि गेहूं के भाव के बराबर है। अब ऐसे में क्यास लगाये जा रहे हैं कि देश में बाजरा के भाव गेहूं के भाव से पार जा सकते हैं, जो कि किसानों के लिए अच्छा समाचार है। Also Read: PM Kisan Yojana: नये नियम जारी, पति-पत्नी दोनों नहीं उठा सकते योजना का लाभ केंद्र सरकार के प्रोत्साहन से बाजरे की खेती के बढ़ते चलन ने इसकी कीमत गेहूं के बराबर ला दी है। सरकारी प्रोत्साहन से किसानों के चेहरे पर खुशी लौट आई है। Millet Cultivation: बाजरा किसानों के हुए वारे-न्यारे, भाव पहुंचा ₹2600 गेहूं के रेट बराबर बाजरा की खेती Also Read: Haryana BPL Home Scheme: हरियाणा में गरीबों को घर मिलेंगे, न केवल बीपीएल परिवारों को बल्कि इन परिवारों को भी पक्के घर मिलेंगे
Millet Cultivation: बाजरे की कीमत
2014 में बाजरे की खेती में 300% की वृद्धि ने किसानों के उत्साह बढ़ाया है। इस समय बाजरा और गेहूं की कीमतें लगभग बराबर हैं जो किसानों को बाजरा की खेती के प्रति आकर्षित कर रही हैं। वर्ष 2022 में अलवर शहर की कृषि उपज मंडी में बाजरे की आवक 1 लाख 97हजार 241 क्विंटल हुई थी जो कि अपने आप में एक रिकाॅर्ड थी। 2022 में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। Millet Cultivation: बाजरा किसानों के हुए वारे-न्यारे, भाव पहुंचा ₹2600 गेहूं के रेट बराबर MSP LIST 2023-24 Also Read: Dharwadi Buffalo: मोटे मुनाफे के लिए जानें भैंस की ऐसी नस्ल जो देती है 1500 लीटर दूध
Millet Cultivation: बाजरे की डिमांड
बाजरा जहां इंसानों के लिए खाद्य पदार्थ है वहीं दुधारू पशुओं के लिए भी यह एक पोष्टिक आहार है जिसके चलते इसकी डिमांड हरियाणा, पंजाब , यूपी और गुजरात में काफी ज्यादा है क्योंकि यहां पर दुधारू पशुओं की संख्या काफी है। इसके अलावा जिन राज्यों में पोल्ट्री उद्योग ज्यादा है वहां पर भी बाजरा की डिमांड काफी है।
बारानी क्षेत्र की पहली पसंद है बाजरा की खेती
कम लागत और प्राकृतिक आपदाओं से कम नुकसान के साथ बाजरे की खेती किसानों के लिए फायदेमंद है। जिसके कारण राजस्थान एंव कम सिंचाई पानी के क्षेत्रों में बाजरा की अच्छी खासी खेती की जाती है। साथ ही कम लागत के कारण किसानों की पहली पसंद बनी हुई है। Also Read: Leaf Miner Disease: सरसों की फसल में आया लीफ माइनर रोग, ऐसे करें नियंत्रण Millet Cultivation: बाजरा किसानों के हुए वारे-न्यारे, भाव पहुंचा ₹2600 गेहूं के रेट बराबर बाजरा की खेती
Millet Cultivation: सरकारी प्रोत्साहन
सरकारी प्रोत्साहन के कारण बाजरे का उपयोग बढ़ रहा है, बाजरा को एक पौष्टिक अनाज माना जा रहा है। बाजरे का उपयोग हर वर्ग में बढ़ रहा है। सरकार की फ्री राशन स्कीम में भी बाजरा को शामिल किया हुआ है जिससे इसकी खपत काफी ज्यादा है। वहीं पशुओं के लिए पौष्टिक आहार के रूप में भी इसका उपयोग किया जा रहा है। Also Read: Farming: गाय-भैंस की जगह गधे पालकर किसान बना अमीर, हर महीने कमा रहा 3 लाख रुपये तक…..

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