पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीद, किसानों और आम जनता को मिलेगी राहत

कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में लगातार हो रही कमी के चलते पेट्रोल और डीजल के भाव कम होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी, सीएलएसए ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया है
 
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीद, किसानों और आम जनता को मिलेगी राहत

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी की उम्मीद, किसानों और आम जनता को मिलेगी राहत

नई दिल्ली,  [तारीख] - कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में लगातार हो रही कमी के चलते पेट्रोल और डीजल के भाव कम होने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। एक प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी, सीएलएसए ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारत में पेट्रोल और डीजल के भाव में 5 अक्टूबर के बाद कम देखने को मिल सकता है।

सीएलएसए का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के साथ-साथ महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव भी इस मंदी के लिए एक प्रमुख कारण हो सकते हैं। कंपनी का कहना है कि महाराष्ट्र का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और सत्तारूढ़ बीजेपी गठबंधन चुनाव से पहले पेट्रोल और डीजल के भाव कम करके लोगों को अपनी तरफ लुभा सकता है।

इस कमी से आम जनता और किसानों को काफी राहत मिलेगी, साथ ही महंगाई पर भी लगाम लगेगी। तेल की कीमतों में कमी से परिवहन और उद्योग जगत को भी फायदा होगा, जिससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

हालांकि, सीएलएसए ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सरकार पेट्रोल के दामों को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी करती है तो तेल कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं तो भी कंपनियों पर दबाव बढ़ जाएगा।

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वर्तमान में, केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.8 रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी ले रही है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आने के कारण सरकार के पास एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का एक अच्छा मौका है।

ब्रोकरेज हाउस के अनुसार, एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी से सरकार के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल सकती है। सीएलएसए की रिपोर्ट के मुताबिक, डीजल और पेट्रोल पर एक रुपये प्रति लीटर की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार के खजाने में सालाना क्रमशः 16,500 करोड़ रुपये और 5,600 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुड़ सकते हैं।

इस समय तेल कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठा रही हैं। सीएलएसए की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों का मार्जिन डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है इसका मतलब है कि तेल कंपनियां हर लीटर पेट्रोल या डीजल बेचने पर पहले से कहीं अधिक रुपए कमा रही हैं।

हालांकि, सीएलएसए ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सरकार पेट्रोल के दामों को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी करती है तो तेल कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर कच्चे तेल की कीमतें फिर से बढ़ती हैं तो भी कंपनियों पर दबाव बढ़ जाएगा। इस तरह, तेल कंपनियां फिलहाल तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ उठा रही हैं लेकिन उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना होगा।

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