Ekadashi Kab Hai: अमालिका या रंगभरी एकादशी जानें कब, तारीख पूजा-विधि शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री आज ही कर लें नोट

 
Ekadashi Kab Hai: अमालिका या रंगभरी एकादशी जानें  कब, तारीख पूजा-विधि शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री आज ही कर लें नोट
Ekadashi Kab Hai:  फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। वैसे तो एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। लेकिन यह एकमात्र ऐसी एकादशी है जो भगवान शिव से जुड़ी है। इसलिए काशी विश्वनाथ वाराणसी में इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन बाबा विश्वनाथ माता गौरा का गौना कराने के बाद पहली बार काशी आए थे। इसके बाद रंग-बिरंगे गुलाबों से उनका स्वागत किया गया। इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इस साल रंगभरी या आमलकी एकादशी 14 मार्च को है आइए जानते हैं आमलकी या रंगभरी एकादशी तिथि, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री की सूची- Also Read: PM Modi: PM मोदी ने राजकोट से देश को भेंट किए 5 AIIMS, विपक्ष को दिया झटका
Ekadashi Kab Hai:  मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ - मार्च 20, 2024 को 12:21 ए एम बजे एकादशी तिथि समाप्त - मार्च 21, 2024 को 02:22 ए एम बजे
Amalika or Rangbhari Ekadashi 2022 date time puja vidhi shubh muhrat pujan  samagri ki list - Astrology in Hindi - अमालिका या रंगभरी एकादशी आज, नोट कर  लें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त
Ekadashi Kab Hai:  पारणा टाइम
पारण (व्रत तोड़ने का) समय - 21 मार्च को 01:47 पी एम से 04:12 पी एम तक पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय - 08:58 ए एम
Ekadashi Kab Hai:  एकादशी पूजा- विधि-
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। भगवान शंकर और माता पार्वती का जल से अभिषेक करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें
Ekadashi Kab Hai:  भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
Ekadashi Kab Hai:  एकादशी व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति पुष्प नारियल सुपारी फल लौंग धूप दीप घी पंचामृत अक्षत तुलसी दल चंदन मिष्ठान Also Read: Seeds Treatment: अच्छी उपज के लिए बीजों का सही करें उपचार, बुवाई से पहले कर लें ये काम
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Ekadashi Kab Hai:  शिव और माता पार्वती की पूजा सामग्री
फूल, पांच फल, पांच फल, रत्न, सोना, चांदी, भिक्षा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पांच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठानन, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जो की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गया का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रुई, मलयागिरी, चंदन, सामग्री शिव और माँ पार्वती का श्रृंगार आदि।

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