Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या पर कई दुर्बल संयोग बन रहे, जानें स्नान-दान मुहूर्त पूजा-विधि और खास उपाय

 
Mauni Amavasya 2024:  मौनी अमावस्या पर कई दुर्बल  संयोग बन रहे, जानें स्नान-दान मुहूर्त  पूजा-विधि और खास उपाय
Mauni Amavasya 2024: स्नान, दान और पुण्य की मौन अमावस्या सर्वार्थ सिद्धि योग लेकर आ रही है। विशेष संयोग से इसका महत्व बढ़ जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या वरदान लेकर आ रही है। इस कारण इस पवित्र नदी में स्नान और दान करने से भक्तों को कई गुना पुण्य फल प्राप्त होगा। इस दिन मौन रहकर गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान करने की प्रथा है। ऐसा माना जाता है कि जब भी मौन अमावस्या मकर राशि में होती है, तो सूर्य और चंद्रमा स्पष्ट रूप से एक साथ होते हैं। Also Read: Megha Shukla topless photos: हसीना ने साड़ी में दिए इतने बोल्ड पोज की छूट जाएं पसीना, देखें तस्वीरें
Mauni Amavasya 2024:  मौनी अमावस्या पर कई दुर्बल  संयोग बन रहे, जानें स्नान-दान मुहूर्त  पूजा-विधि और खास उपाय
Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या की पूजा का शुभ समय
इस बार मौनी अमावस्या तिथि 09 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होकर शनिवार 10 फरवरी को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त हो रही है। यूं तो उदया तिथि के अनुसार मौनी अमावस्या 10 फरवरी को है, लेकिन इसकी पूर्ण तिथि 10 फरवरी को मिल रही है अत: 09 फरवरी की अमावस्या तर्पण और स्नान दान के लिए सर्वोत्तम है।
Mauni Amavasya 2024: पूजा का विशेष विधान
पंडित धर्मेंद्र झा ने बताया कि इस वर्ष मौनी अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग सुबह 07 बजे से रात 11 बजे तक रहेगा. इस योग में पूजा का विशेष विधान है। यह योग किसी भी शुभ कार्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। जहां तक ​​ग्रहों की स्थिति की बात है तो इस दिन ग्रहों के राजकुमार अस्त हो रहे हैं। 09 फरवरी को बुध मकर राशि में अस्त होंगे। फिर 11 फरवरी को शनि अस्त हो रहे हैं। इसलिए मौनी अमावस्या के दिन दान करना अत्यंत फलदायी माना जाएगा।
Mauni Amavasya 2024: मौनी अमावस्या का विशेष महत्व
मान्यता के अनुसार पूर्ण शक्ति संपन्न दिन पर ऋषि मनु का जन्म होने से अमावस्या का महत्व बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन दान, पुण्य, पूजा और स्नान से शीघ्र फल मिलता है। स्नान का शुभ समय सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में है। वैसे नहाने के लिए सुबह 11 बजे का समय सबसे अच्छा है. सुबह उठकर मौन रहकर गंगा माता और भगवान शिव का ध्यान करके स्नान कर सकते हैं। पंडित धर्मेंद्र झा कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन पश्चिम दिशा की ओर बहने वाली गंगा में स्नान करने का विशेष फल मिलता है। पश्चिम की ओर बहने वाली गंगा त्रिवेणी सहित प्रयाग, काशी और वाराणसी के बलुआघाट में बहती है। इन जगहों पर स्नान करने से सबसे अच्छा और जल्द परिणाम मिलता है। वैसे तो गंगा स्नान का महत्व किसी भी स्थान पर कम नहीं है। मौनी अमावस्या के दिन दान देने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। यह अत्यंत शुभ है. Also Read: Force Orchard 30: बागवानी के लिए 30 HP का मशहूर जानदार ट्रैक्टर, जानें इसके फीचर्स और कीमत
Mauni Amavasya 2024:  मौनी अमावस्या पर कई दुर्बल  संयोग बन रहे, जानें स्नान-दान मुहूर्त  पूजा-विधि और खास उपाय
'Mauni Amavasya 2024: मौन अमावस्या का उपाय
माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन ही कलियुग का आगमन हुआ था। सुबह कलियुग प्रवेश कर चुका था। कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए मौन रहकर स्नान करने की परंपरा है। पंडित धर्मेंद्र झा कहते हैं कि जिनका बुध पीड़ित है या अशुभ फल दे रहा है, उन्हें मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना चाहिए और सुबह तुलसी के पौधे की पूजा करनी चाहिए और तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। किन्नरों को हरी चूड़ियाँ और हरी साड़ियाँ देने से बुध शुभ फल देने लगता है। जिनका चंद्रमा अशुभ फल दे रहा हो उन्हें मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखना चाहिए।

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