Mauni Amavasya Kab: जानें कब है मौनी अमावस्या, मौन व्रत रखने का है बहुत खास महत्व

 
Mauni Amavasya Kab: जानें कब है मौनी अमावस्या, मौन व्रत रखने का है बहुत खास महत्व
Mauni Amavasya Kab: 9 फरवरी को मौनी अमावस्या है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि इस वर्ष की मौनी अमावस्या 9 फरवरी शुक्रवार को सुबह 7:23 बजे शुरू होकर 4 फरवरी को सुबह 4:28 बजे समाप्त होगी. इस व्रत में व्रती को मौन रहकर पूरे दिन ऋषियों जैसा आचरण करना चाहिए। Also Read: Basant Panchami Date: जानें कब है बसंत पंचमी, आज ही नोट कर लें तारीख पूजा-विधि और शुभ मुहूर्त
Mauni Amavasya Kab: जानें कब है मौनी अमावस्या, मौन व्रत रखने का है बहुत खास महत्व
Mauni Amavasya Kab: मौनी अमावस्या
इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन गंगा स्नान कर तिल, लड्डू और तेल का दान करना चाहिए। माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पितृ दोष, कालसर्प दोष (Kalasarpa Dosha Remedy) से मुक्ति पाने के लिए भी यह शुभ दिन है।
Mauni Amavasya Kab: पूजा-अनुष्ठान
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का बहुत महत्व है। आप घर पर भी नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
Mauni Amavasya Kab: सूर्य देव को अर्घ्य दें
यदि आप व्रत कर सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें। इस दिन पितरों से संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें। इस पवित्र दिन पर जितना हो सके भगवान का ध्यान करें। इस पवित्र दिन पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। Also Read: Identification hopper disease mustard: सरसों में माहू कीट का जल्द से जल्द करें समाधान, वरना फलियां बनते समय होगी दिक्कत
Mauni Amavasya Kab: जानें कब है मौनी अमावस्या, मौन व्रत रखने का है बहुत खास महत्व
Mauni Amavasya Kab: माघ अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ अमावस्या का बहुत महत्व है। इस पवित्र दिन पर पितरों से जुड़े कार्य करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इस पवित्र दिन पर दान देने से कई गुना अधिक फल मिलता है।

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