Haryana: दिल्ली में भूपिंदर सिंह हुड्डा के दफ्तर पहुंची ED की टीम, जमीन डील मामले में चल रही है जांच

 
Haryana: दिल्ली में भूपिंदर सिंह हुड्डा के दफ्तर पहुंची ED की टीम, जमीन डील मामले में चल रही है जांच
Haryana: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के दिल्ली स्थित कार्यालय पहुंची है। जांच एजेंसी की टीम जमीन डील मामले में हुडा से पूछताछ कर रही है. आपको बता दें कि किसानों की जमीन अवैध तरीके से बेचने के आरोप में सीबीआई पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है. Also Read: Crops cure fog: इन फसलों के लिए रामबाण है कोहरा, जमकर करेगा फायदा Haryana: जांच एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हुडा से नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में पूछताछ कर रही है। इस मामले में सीबीआई ने 2004-07 के दौरान भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितताओं को लेकर मामला दर्ज किया था. वहीं, पीएमएलए मामला सितंबर 2016 में हरियाणा पुलिस की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया था।
Haryana: 1500 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला
Haryana: जांच एजेंसी के मुताबिक, कई किसानों और जमीन मालिकों ने आरोप लगाया था कि इस जमीन अधिग्रहण मामले में उनसे करीब 1500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है.
Haryana: दिल्ली में भूपिंदर सिंह हुड्डा के दफ्तर पहुंची ED की टीम, जमीन डील मामले में चल रही है जांच
Haryana: हुडा विशेष अदालत में पेश हुए हैं
Haryana: साल 2019 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा पंचकुला स्थित प्रवर्तन निदेशालय की विशेष अदालत में भी पेश हो चुके हैं. हुडा एजेएल प्लॉट आवंटन और मानेसर भूमि घोटाला मामले में विशेष अदालत में पेश हुए थे। इस मामले में हुडा पर एजेएल को कौड़ियों के भाव जमीन बेचने का आरोप है। तब हुड्डा पंचकुला के सेक्टर-6 स्थित प्लॉट सी-17 के आवंटन से जुड़े मामले में धोखाधड़ी के आरोप में पेश हुए थे.
Haryana: कब्जे का डर दिखाने का आरोप
Haryana: हुडा पर एक और आरोप ज़मीन घोटाले का भी है. आरोप के मुताबिक, अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात लोक सेवकों के साथ मिलकर गुड़गांव जिले के मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को डरा-धमकाकर उनकी लगभग 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। Also Read: Trending: किसी का बैंक लोन गारंटर बनने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, इसके बाद ही लें फैसला अधिग्रहण। कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल में करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर बिल्डरों को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप लगा था.

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