हाईकोर्ट का बड़ा आदेशः एक हफ्ते के अंदर शंभू बॉर्डर खोले हरियाणा सरकार... किसान बोले- अब हम दिल्ली जाएंगे
पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर फरवरी से चल रहे किसान आंदोलन पर बुधवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक सप्ताह के अंदर शंभू बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग को खोलने का आदेश दिया है। इस दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी हरियाणा और पंजाब दोनों सरकारों की होगी। वहीं आंदोलनकारी किसान प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर धरना दे सकते हैं।
हाईकोर्ट ने किसानों को कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि अब शंभू बॉर्डर पर सिर्फ 500 प्रदर्शनकारी हैं, इसलिए अब इस हाईवे को खोला जा सकता है। यह हाईवे पिछले पांच महीने से बंद है, इसे अब और बंद नहीं रखा जा सकता।
वहीं शुभकरण की मौत के मामले में एफएसएल रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में पेश की गई। रिपोर्ट के मुताबिक शुभकरण के सिर पर बन्दूक की गोली का घाव है। इस पर कोर्ट ने झज्जर पुलिस कमिश्नर की अध्यक्षता में एसएसएटी का गठन कर जांच के आदेश दिए हैं। खुश किसान बोले- जाएंगे दिल्ली
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शंभू बॉर्डर पर किसानों की आवाजाही बढ़ गई है। किसानों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर बॉर्डर खुलेगा तो वे दिल्ली जाएंगे।
दूसरी ओर अंबाला प्रशासन का कहना है कि उन्हें अभी तक आदेश की कॉपी नहीं मिली है। अंबाला के व्यापारी संगठन भी हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं।
हाईकोर्ट के वकील ने दायर की थी जनहित याचिका
हाईकोर्ट के वकील वासु रंजन शांडिल्य ने शंभू बॉर्डर खुलवाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। शांडिल्य ने कहा कि नेशनल हाईवे 44 पांच महीने से बंद है। इस कारण अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, छोटे-बड़े रेहड़ी-पटरी वाले भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। याचिका में मांग की गई कि शंभू बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से खोलने के आदेश दिए जाएं। शांडिल्य ने याचिका में पंजाब और हरियाणा सरकार के साथ किसान नेता स्वर्ण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल को भी पक्षकार बनाया है।
एनएचएआई को 108 करोड़ से अधिक का नुकसान
शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 108 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। किसान आंदोलन के कारण 13 फरवरी 2024 को शंभू टोल प्लाजा बंद कर दिया गया था। तब से अब तक अंबाला लुधियाना हाईवे चालू नहीं हो पाया है।