हरियाणा: पहला फ्लावर एक्सीलेन्सी सेंटर बनकर रेडी, इज़राइली टेक्नोलॉजी से एक साथ तैयार होगा छह लाख पौधे

 
हरियाणा: पहला फ्लावर एक्सीलेन्सी सेंटर बनकर रेडी, इज़राइली टेक्नोलॉजी से एक साथ तैयार होगा छह लाख पौधे
Aapni News, Haryana हरियाणा के बागवानी एवं कृषि विभाग की ओर से केंद्र में इजरायली टेक्नोलॉजी के दो नेट हाउस, दो पॉली हाउस बनाए गए हैं, जो 2-2 हजार वर्ग मीटर के हैं। किसानों को एक रुपये से 1.40 रुपये तक में पौध उपलब्ध होगा।   इस्राइल की तकनीक पर बादली के मुनिमपुर गांव में करीब 10 करोड़ रुपए की लागत से 13 एकड़ में प्रदेश का पहला फ्लाॅवर एक्सीलेंसी सेंटर बनकर तैयार हो गया है। जहां अब देसी विदेशी फूल इस्राइली तकनीक से हाईटेक नर्सरी में उगाए जाएंगे। यहां न सिर्फ देश की प्रचलित फूलों की प्रजातियां बल्कि न्यूजीलैंड, बैंकाक, थाईलैंड, हॉलैंड और नीदरलैंड के फूलों की भी पौध तैयार की जाएगी। इस नर्सरी में एक साथ 6 लाख पौधे तैयार हो सकेंगे। इन्हें किसान अपने खेत में ले जाकर उगा सकेंगे और बेचकर मोटा मुनाफा पाएंगे।   मुनीमपुर गांव भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के गृहक्षेत्र बादली हल्के में आता है। वर्ष 2017 में इस केंद्र की नींव रखी गयी थी। यहां देसी और विदेशी फूलों की कई प्रजातियों की पौध तैयार की जाएंगी और किसानों को उगाने के लिए उपलब्ध करवाई जाएंगी। किसान अपने मन मुताबिक भी यहां पौध तैयार करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपने खेत में फूलों की पौध लगाने के लिए एडवांस बुकिंग भी कर सकते हैं। किसानों को एक रुपये से 1.40 रुपये तक में पौध उपलब्ध हो जाएगी।
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हरियाणा बागवानी विभाग की ओर से बनाए गए फूल एवं बीज उत्पादन तकनीकी उत्कृष्टता केंद्र में इजरायली तकनीकी से लेस दो नेट हाउस, दो पॉली हाउस बनाए गए हैं जो 2-2 हजार स्क्वायर मीटर के हैं। 9 एकड़ का ओपन एरिया भी यहां पर रखा गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद अब हाईटेक पॉली हाउस का ट्रायल भी लिया जा चुका है। जल्द ही यहां फूलों की पौध तैयार करने का प्रयोग शुरू किया जाएगा। किसानों को फूलों की खेती के प्रति आकर्षित करने के लिए सेमिनार लगाए जाएंगे, उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाएगी। करीब 6 महीने के अंदर ही यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से काम करने लगेगा।        

हाईटेक बनाया है पॉली हाउस

केंद्र में एक हाईटेक पॉली हाउस तैयार किया गया है। जिसमें इस्राइल से लाई गई मशीन के जरिए सिंचाई, कीटनाशक दवाओं का छिड़काव और खाद पौधों तक पहुंचाई जाएगी। इस पॉलीहाउस में तापमान मेंटेन करने के लिए कूलर और हीटर लगाए गए है। यहां प्रतिकूल स्थिति में भी फूलों के पौधों को नुकसान की स्थिति से बचाया जा सकेगा। मार्केट की मांग को देखते हुए समय से पहले फूलों का उत्पादन किसान शुरू कर सकेंगे और मोटा मुनाफा कमा सकेंगे।

दिल्ली मंडी में मिलेगा मुनाफा

देश की राजधानी दिल्ली में गाजीपुर मंडी देश की सबसे बड़ी फूलों की मंडी है। जहां देश-विदेश से भारी मात्रा में फूल आयात और निर्यात किए जाते हैं। ऐसे में अगर देश की राजधानी दिल्ली से सेट हरियाणा के उत्कृष्ट फूल उगाने के लिए किसानों को पौध मिल जाती हैं तो यह है सोने पर सुहागा साबित होगा और कम लागत में ज्यादा मुनाफा भी किसान हासिल कर सकेंगे।

अधिकारी के अनुसार

पारंपरिक खेती से किसानों की आय बेहद सीमित होती है। मगर बाजार में फूलों की बढ़ती मांग के चलते किसने की आय कई गुना तक बढ़ सकती है। बागवानी महानिदेशक अर्जुन सिंह सैनी के दिशानिर्देश पर किसानों को फूलों की खेती के प्रति जागरूक करने के लिए सेमिनार लगाए जा रहे हैं और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए गए हैं।
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