Hisar Airport : हरियाणा के लोगों की हुई मौज हिसार एयरपोर्ट के लिए 2990 एकड़ में बनेगा मार्केटिंग क्लस्टर

हरियाणा और केंद्र सरकार राज्य के युवाओं के हित में बड़ा कदम उठा रही है। सरकार के इस कदम से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आइए जानते हैं केंद्र सरकार की इस योजना के बारे में। केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसी के चलते महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने जा रहा है।
 
Hisar Airport : हरियाणा के लोगों की हुई मौज हिसार एयरपोर्ट के लिए 2990 एकड़ में बनेगा मार्केटिंग क्लस्टर

हरियाणा और केंद्र सरकार राज्य के युवाओं के हित में बड़ा कदम उठा रही है। सरकार के इस कदम से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आइए जानते हैं केंद्र सरकार की इस योजना के बारे में। केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसी के चलते महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने जा रहा है।

यहां बड़ी-बड़ी कंपनियों का निवेश किया जाएगा। ताकि यहां औद्योगिक गतिविधियां बढ़ें और हरियाणा के युवाओं को रोजगार मिल सके। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।

यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्रीज में इजाफा होगा। यहां बने सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा।

इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूर्व में 208 किमी, पश्चिम में रेवाड़ी 156 किमी तथा लॉजिस्टिक हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी तथा कांडला सी पोर्ट 1055 किमी दूर है।

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इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी

ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन के प्रावधान, हाई स्पीड रेल और ओएफसी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी के विकास के संबंध में बातचीत पर सहमति बनी है।

ऐसे शुरू होगा काम
नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% ग्रीन और वाटर बॉडी के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़क और उपयोगिताओं के लिए इस्तेमाल की जाएगी।

इतने एकड़ में स्थापित होंगे यह उद्योग

इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है।

प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस एवं डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग एवं फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है।

ड्राफ्ट स्वीकृत, जमीन चिन्हित व अधिग्रहित
नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी गई है। क्लस्टर के लिए 100 प्रतिशत जमीन अधिग्रहित कर ली गई है।

एनपीजी की सिफारिश प्राप्त हो गई है। मास्टर प्लान पीडीआर व लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली व पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए तैयार है।

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