न्याय: एक और फरियादी को मिला न्याय, हत्या का मामला, कोर्ट ने अपराधी को दी सजा; देखें

नारनौल में जमीनी विवाद के चलते हुई हत्या के मामले में नारनौल के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश चौधरी की अदालत ने एक अन्य दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है तथा जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने दोषी रामबीर निवासी बसई को भारतीय दंड संहिता की धारा 302/149 के तहत आजीवन कारावास व 1,00,000 रुपये जुर्माना, भारतीय दंड संहिता की धारा 148 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, भारतीय दंड संहिता की धारा 323/149 के तहत 1 वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपये जुर्माना, भारतीय दंड संहिता की धारा 325/149 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, भारतीय दंड संहिता की धारा 201/149 के तहत 3 वर्ष कठोर कारावास व 10,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। मामले में चार दोषियों को पहले भी सजा सुनाई जा चुकी है।
मामले के अनुसार वर्ष 2011 में जमीनी विवाद के चलते नामजद आरोपियों ने शिकायतकर्ता के पिता व भाई की हत्या कर दी थी तथा अन्य लोगों को भी घायल कर दिया था। शिकायतकर्ता बसई निवासी सतीश ने महेंद्रगढ़ थाने में नामजद लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उसने बताया था कि वह कंवरपाल के साथ अपने घर जा रहा था। रास्ते में कृष्णपाल व 10-11 अन्य व्यक्ति खड़े थे, जिन्होंने उन दोनों को रोक लिया तथा मारपीट करनी शुरू कर दी। इसके बाद वे फरार हो गए।
शिकायतकर्ता ने इसकी सूचना अपने पिता को फोन पर दी, जिस पर शिकायतकर्ता के पिता, उसका भाई व अन्य लोग तीन गाड़ी स्टैंड पर आए तथा मारपीट के बारे में पूछने लगे। इस दौरान आरोपी हाथों में कुल्हाड़ी, डंडे, फरसा व अन्य हथियार लेकर आए तथा हमला कर दिया। कुल्हाड़ी, डंडे व रॉड से घायल कर दिया। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने उसके भाई की हत्या कर उसे तालाब में फेंक दिया तथा उसके पिता पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया। महेंद्रगढ़ पुलिस ने बिना किसी देरी के मामला दर्ज कर लिया। जांच इकाई ने मामले में महत्वपूर्ण साक्ष्यों का मूल्यांकन कर प्रभावी कार्रवाई की तथा आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
न्यायालय में सुनवाई के दौरान उप जिला न्यायवादी हीना राजपाल ने मामले में अभियोजन पक्ष के पक्ष में प्रभावी पैरवी करते हुए न्यायाधीश के समक्ष दलीलें पेश कर दोषियों को सजा दिलाने में भूमिका निभाई। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले को बहुत गंभीर माना तथा दोषियों की सजा में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा जुर्माना लगाया। इस मामले में चार दोषियों को पहले भी सजा सुनाई जा चुकी है।
पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा ने जिला महेंद्रगढ़ के सभी थाना प्रबंधकों, चौकी प्रभारियों व जांचकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि वे बिना किसी देरी के शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करें। महत्वपूर्ण साक्ष्यों व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्रवाई कर आरोपियों को न्यायालय में सजा दिलाएं तथा पीड़ित को न्याय दिलवाएं।