Lok Sabha Result 2024: किसानों का गुस्सा बीजेपी पर भारी पड़ा, कांग्रेस की जीत के ये रहे कारण
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 10 साल बाद अंबाला सीट पर वापसी की है। यहां करीबी मुकाबले में कांग्रेस के वरुण चौधरी ने भाजपा की बंतो कटारिया को 49036 हजार वोटों से हराया। माना जा रहा है कि पंजाब की सीमा से सटे होने के कारण भाजपा को यहां किसानों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस की मजबूत पकड़ और पिछले 10 सालों में अपेक्षाकृत कम काम होने का खामियाजा भी भाजपा को भुगतना पड़ा है।
शायद यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी की इलाके में रैली के बावजूद नतीजे भाजपा के खिलाफ गए। पिछले दो लोकसभा चुनावों में अंबाला लोकसभा सीट पर भाजपा का दबदबा रहा था। वर्ष 2014 और 2019 में भाजपा के रतनलाल कटारिया ने यहां से लगातार जीत दर्ज की थी। अहम बात यह है कि पिछले चुनाव में जिस सीट पर रतनलाल कटारिया ने कांग्रेस की दिग्गज कुमारी शैलजा को करीब साढ़े तीन लाख वोटों से हराया था, उस सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हालात ये रहे कि प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी, परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल, मंत्री कंवर पाल गुर्जर के विधानसभा क्षेत्रों से भी भाजपा को बढ़त नहीं मिल पाई।
इतना ही नहीं, भाजपा को उम्मीद थी कि बंतो कटारिया को भाजपा लहर के साथ-साथ सहानुभूति वोटों का भी लाभ मिलेगा, लेकिन पिछले 10 सालों में काम न करने के कारण भाजपा प्रत्याशी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। कांग्रेस की जीत के पीछे वरुण चौधरी की राजनीतिक पृष्ठभूमि और बदलाव की हवा का काम किया। वहीं, किसान आंदोलन के कारण भाजपा प्रत्याशी को ग्रामीण क्षेत्रों में भी विरोध का सामना करना पड़ा। हालात ये रहे कि सीएम से लेकर परिवहन मंत्री तक के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
इस चुनाव में वरुण को 49.23 प्रतिशत और बंतो कटारिया को 45.7 प्रतिशत वोट मिले, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 56.72 प्रतिशत वोट मिले थे और कांग्रेस को 30 प्रतिशत से संतोष करना पड़ा था। सीएम के गृह क्षेत्र में भी हारी भाजपा अंबाला लोकसभा में नारायणगढ़ विधानसभा की भी अहम भूमिका है। यह सीएम नायब सिंह सैनी का पैतृक गांव है और वे खुद यहां से विधायक रह चुके हैं। ऐसे में इस विधानसभा के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें टिकी हुई थीं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने भाजपा के मुकाबले 20906 वोटों से जीत दर्ज की है।
कांग्रेस की जीत के ये रहे तीन कारण
कांग्रेस में गुटबाजी के बावजूद यहां कांग्रेस के नेता एक मंच पर आए और एकजुट होकर अपनी ताकत दिखाई
वरुण के मिलनसार व्यवहार, ईमानदार छवि और विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश की आवाज बनने का फायदा मिला
पिता फूलचंद मुलाना के नाम का भी अंबाला लोकसभा में फायदा मिला
भाजपा की हार के तीन कारण
किसान आंदोलन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ बना माहौल हार का मुख्य कारण रहा।
पिछले 10 साल के कार्यकाल में तुलनात्मक रूप से कोई काम नहीं हुआ
पूर्व सांसद स्वर्गीय रतनलाल कटारिया के निधन के बाद सहानुभूति फैक्टर भी काम नहीं आया