रविंद्र सैनी हत्याकांड: सीएम के नेतृत्व में परिजनों ने उठाया शव, बेटे को जेई की नौकरी और मुआवजे पर बनी सहमति
इसके बाद शाम साढ़े पांच बजे परिजनों ने शव ले लिया और देर शाम अंतिम संस्कार कर दिया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का भी भरोसा दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के अलावा एसआईटी व एसटीएफ की टीमों ने कई जगह दबिश दी, लेकिन उनका कहीं सुराग नहीं लगा। हिसार जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए हत्या के सूत्रधार विकास नेहरा से भी एसटीएफ ने पूछताछ की। इस दौरान पता चला है कि उसने अपने एक खास गुर्गे को हत्या का जिम्मा सौंपा था।
सुबह चंडीगढ़ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने सीएम आवास में करीब साढ़े नौ बजे पहले दौर की वार्ता की। सीएम नायब सैनी के साथ करीब 40 मिनट की पहले दौर की वार्ता में पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने व आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को मान लिया, लेकिन मुआवजे पर पेच फंसा रहा। इसके बाद दोपहर ढाई बजे दूसरे दौर की वार्ता शुरू हुई। करीब 15 मिनट चली इस बैठक में परिजनों को उचित मुआवजा देने पर सहमति बन गई।
मुख्यमंत्री से मिलकर लौटे पूर्व मंत्री अत्तर सिंह सैनी व हांसी व्यापार मंडल के प्रधान प्रवीन तायल ने बताया कि रविंद्र सैनी के बेटे दिपांशु को उसकी योग्यता बीटेक के हिसाब से जेई की नौकरी, 48 घंटे में हमलावरों की गिरफ्तारी व परिवार को उचित मुआवजा देने पर सहमति बनी है। विधायक विनोद भयाना ने बताया कि परिवार को मांग के हिसाब से उचित मुआवजा राशि दी जाएगी।
बंद से 10 करोड़ का कारोबार प्रभावित
घटना के विरोध में किराना की दुकानों से लेकर पेट्रोल पंप तक बंद रहे। प्रमुख बाजारों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। निजी अस्पतालों में ओपीडी बंद रखी गईं, वहीं वकीलों ने वर्क सस्पेंड रखा। लघु सचिवालय में बैठे टाइपिस्ट ने भी बंद का समर्थन किया। बंद के दौरान 10 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। कर्मचारी नेताओं ने बंद को समर्थन दिया।
बड़सी गेट पर व्यापारियों ने दो घंटे तक धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद बाजारों में घूमते हुए नागरिक अस्पताल में धरने पर बैठे।
व्यापारियों ने एक सुर में कहा कि प्रदेश में भी बेखौफ हो चुके बदमाशों पर यूपी की योगी सरकार की तरह कार्रवाई होनी चाहिए। सरेआम हत्या करने वालों का एनकाउंटर किया जाना चाहिए।
विकास ने अपने एक खास गुर्गे को दिया था जिम्मा
जांच के लिए एसपी एसटीएफ नरेंद्र बिजारणिया हांसी पहुंचे व सीआईए वन थाना में मुख्य साजिशकर्ता विकास नेहरा से करीब दो घंटे तक पूछताछ की।
इस दौरान पता चला कि विकास ने रविंद्र सैनी की हत्या का जिम्मा अपने एक खास गुर्गे को दिया था। उसने ही तीन अन्य युवकों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस टीमों ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर दबिश दी।