COVID-19 New Jn.1 Variant: कोरोना की 'पिरोला' फैमिली का वायरस JN.1... चार महीने में 41 देशों में फैलाया आंतक, भारत में कितना खतरा
Dec 29, 2023, 06:53 IST
COVID-19 New Jn.1 Variant: देश-दुनिया में कोरोना एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। भारत में मंगलवार को एक ही दिन में कोरोनोवायरस के 412 नए मामले सामने आए, जिससे कुल सक्रिय मामलों की संख्या 4,170 हो गई। इन मामलों में से 69 नए GEN.1 सब-वेरिएंट के हैं। यह ओमिक्रॉन वेरिएंट के सब-वेरिएंट BA.2.86 से बना है। 2022 की शुरुआत में, BA.2.86 दुनिया भर में कोरोनोवायरस मामलों में वृद्धि का कारण था। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सीओवीआईडी -19 टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा, "जेएन.1 वेरिएंट तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम है।" जानें नया सब-वेरिएंट JN.1 क्या है, यह कब सामने आया और अब तक कितने देशों में फैल चुका है। Also Read: Winter Tips mistakes: सर्दियों में गर्म पानी से नहाना नहीं है किसी खतरे से कम, है ये 3 बड़े नुकसान
Jn.1 Variant
Jn.1 Variant
Jn.1 Variant मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने JN.1 की पहचान के लिए और अधिक शोध पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, 'यह नया वैरिएंट ओमीक्रॉन के पूर्ववर्ती उप-वेरिएंट BA.2.86 के समान है जो केवल एक स्पाइक प्रोटीन में भिन्न है। इसलिए यह संक्रामक हो सकता है और तेजी से फैल सकता है।'
Jn.1 Variant COVID-19 New Jn.1 Variant: JN.1 उप-संस्करण क्या है
GEN.1 सब-वेरिएंट की शुरुआत 17 अगस्त, 2023 को लक्ज़मबर्ग, यूरोप में हुई। भारत में JN.1 सब-वेरिएंट संक्रमण का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल में सामने आया था। JN.1 वैरिएंट 41 देशों में फैल चुका है। WHO के अनुसार, JN.1 सब-वेरिएंट के सबसे अधिक मामले फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और स्वीडन में सबसे अधिक हैं।
Jn.1 Variant COVID-19 New Jn.1 Variant: ओमिक्रॉन के BA.2.86 'पिरोला' उप-संस्करण से बना
JN.1 उप-संस्करण ओमिक्रॉन के BA.2.86 'पिरोला' उप-संस्करण से बना है। इस सब-वेरिएंट ने संयुक्त राज्य अमेरिका में काफी हलचल मचाई थी। 4 महीने में यह करीब 41 देशों में फैल चुका है। अतिरिक्त उत्परिवर्तन इसे काफी संक्रामक बनाते हैं। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) ने इसे अमेरिका में सबसे तेजी से बढ़ने वाला वैरिएंट बताया है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से बचकर संक्रमित हो सकता है।
Jn.1 Variant मुंबई के हिंदुजा अस्पताल के वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने JN.1 की पहचान के लिए और अधिक शोध पर जोर दिया है। उन्होंने कहा, 'यह नया वैरिएंट ओमीक्रॉन के पूर्ववर्ती उप-वेरिएंट BA.2.86 के समान है जो केवल एक स्पाइक प्रोटीन में भिन्न है। इसलिए यह संक्रामक हो सकता है और तेजी से फैल सकता है।' 
