Hypomenorrhea: जहां कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द, मूड में बदलाव या भारी ब्लीडिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं कुछ महिलाओं को ये सारी परेशानियां नहीं होती हैं, लेकिन इसे लेकर ज्यादा खुश या व्यवस्थित होने की भी जरूरत नहीं है, क्योंकि ये भी एक तरह की समस्या है। पीरियड्स के दौरान कम रक्तस्राव एक चिंता का विषय है, जिसे हाइपोमेनोरिया कहा जाता है। जानें इस समस्या के कारण, लक्षण और उपचार।
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हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव एंडोमेट्रियल अस्तर को ठीक से विकसित होने से रोकता है, जिससे हल्की अवधि होती है। थायराइड विकार: थायराइड की शिथिलता, जैसे हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म भी मासिक धर्म चक्र में समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे हाइपोमेनोरिया हो सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम: पीसीओएस एक हार्मोनल विकार है जो अनियमित पीरियड्स, डिम्बग्रंथि अल्सर और हार्मोनल असंतुलन की समस्याओं का कारण बनता है और ये सभी अक्सर हाइपोमेनोरिया का कारण बनते हैं। बहुत अधिक व्यायाम करना: विशेष रूप से एथलीटों या कठोर प्रशिक्षण करने वाली महिलाओं में बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि हार्मोन उत्पादन और मासिक धर्म की नियमितता (पीरियड्स की नियमितता) को बाधित कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप हल्के पीरियड्स हो सकते हैं। तनाव: क्रोनिक तनाव हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल (एचपीए) फ़ंक्शन, हार्मोन के स्तर और मासिक धर्म चक्र में गड़बड़ी पैदा कर सकता है।
Hypomenorrhea: हाइपोमेनोरिया की रोकथाम
संतुलित आहार लें
विटामिन, खनिजों से भरपूर आहार हार्मोन संतुलन और बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए आवश्यक है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा वाला आहार लेने से न केवल हाइपोमेनोरिया की समस्या से बचाव होता है बल्कि स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
Hypomenorrhea: नियमित व्यायाम करें
रोजाना थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि शरीर को रक्त संचार ठीक से करने में मदद करती है। इससे तनाव कम होता है और हार्मोनल गतिविधियों को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है। मध्यम व्यायाम, जैसे तेज़ चलना, तैराकी या योग, मासिक धर्म की समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
Hypomenorrhea: तनाव से दूर रहें
दीर्घकालिक तनाव हार्मोन संतुलन और मासिक धर्म चक्र को बाधित कर सकता है। ध्यान, श्वास व्यायाम और माइंडफुलनेस जैसी तनाव प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर तनाव को आसानी से कम किया जा सकता है।
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वजन में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव हार्मोन के स्तर और मासिक धर्म की नियमितता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। संतुलित पोषण और नियमित व्यायाम के जरिए वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है और स्वस्थ रहा जा सकता है।