Life Mantra: वेद-पुराणों से निकली ये संस्कृत सूक्तियां देती हैं जीवन जीने की सीख, देखें यहाँ

 
Life Mantra: वेद-पुराणों से निकली ये संस्कृत सूक्तियां देती हैं जीवन जीने की सीख, देखें यहाँ
Life Mantra: लाइफ को कैसे जिया जाए कि इंसान खुश, कामयाब और स्वस्थ रह सके। इसके लिए आजकल लोग सोशल मीडिया पर और गूगल पर सर्च करते हैं। और कई सारे आध्यात्मिक गुरुओं का चक्कर लगाते हैं। लेकिन जीवन को सक्सेजफुली और हैप्पी तरीके से जीने की सीख हमारे वेद-पुराणों में लिखी गई है। जिसे अक्सर आध्यात्मिक गुरु भी बताते हैं। साथ ही इस बात की सीख हमें स्कूल में भी दी जाती है। संस्कृति की कुछ सूक्तियां जो वेदों-उपनिषदों में विद्वानों ने लिखी हैं। अगर उनका मतलब समझ लें तो लाइफ को जीना आसान हो जाएगा और बहुत सारे दुखों से छुटकारा भी मिल जाएगा। Also Read: Surya Transit 2024: सूर्य करेंगे गुरु की राशि में प्रवेश, इन राशियों का होगा बेड़ा पार
जीवन से जुड़े वेदों के 15 श्लोक....
Life Mantra: सूक्ति- सहसा विदधीत न क्रियाम्
अर्थ- इस सूक्ति में बताया गया है कि कभी भी किसी भी काम को बिना सोच-विचार के नहीं करना चाहिए। इससे फायदा कम और नुकसान होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए जब भी किसी नए काम को शुरू करें तो उसके भावी परिणाम के बारे में विचार जरूर कर लें।
Life Mantra: सूक्ति- अशांतस्य कुत: सुखम्
अर्थ- इस सूक्ति का बहुत ही गहरा अर्थ है। अगर आप मानसिक रूप से अस्तव्यस्त और अशांत रहते हैं। मन में विचारों की लहर चलती रहती है और आप एकचित्त नहीं रह पाते हैं तो ऐसे इंसान को कभी भी सुख नहीं मिलता है। अगर आप सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो हमेशा मन को शांत करें। तभी सुख का अनुभव होगा।
Life Mantra: सूक्ति- अनार्य: परदारव्यवहार:
अर्थ– जीवन में सदाचार जिसे अंग्रेजी में मोरैलिटी भी कहते हैं। बहुत जरूरी है नैतिकता होना ही लाइफ में सक्सेज की निशानी भी है। संस्कृत की ये सूक्ति कहती है कि पराई स्त्री के विषय में बात करना भी अपराध के समान है।
Life Mantra: सूक्ति- अनुलड़्घनीय: सदाचार:
अर्थ- हमेशा अच्छे विचारों और अच्छे कामों को करना चाहिए। सदाचार का कभी उल्लड़्घन नहीं करना।
Life Mantra: सूक्ति- अनतिक्रमणीया नियतिरिति
अर्थ– अक्सर विद्वान कहते हैं कि नियति हर इंसान की अलग-अलग होती है। इसे कोई नहीं टाल सकता। इसलिए जब लाइफ आपके अनुसार ना चल रही हो तो उसे नियति मानकर शांत रहना चाहिए और घबराना नहीं चाहिए।
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Life Mantra: सूक्ति- न वित्तेन तर्पणीयो मनुष्य
अर्थ- मनुष्य धन की इच्छा से कभी तृत्प नहीं होता, उसका लालच बढ़ता जाता है। इसलिए धन के पीछे भागने की गलती नहीं करनी चाहिए बल्कि अपने कर्मों को स्ट्रांग बनाना चाहिए। Also Read: Seeds Treatment: अच्छी उपज के लिए बीजों का सही करें उपचार, बुवाई से पहले कर लें ये काम
Life Mantra: सूक्ति- विभूषणं मौनमपण्डितानाम्
अर्थ- अक्सर विद्वान कहते हैं कि मूर्खों के लिए मौन रहना ही सबसे बेहतर होता है। इसका मतलब है कि कभी भी किसी के साथ बहस में जीतने की बजाय चुप रह जाना ज्यादा अच्छा होता है।

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