Lifestyle: आज के समय में खराब जीवनशैली और आनुवंशिक कारणों से बालों के झड़ने की समस्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन यह सिर्फ बालों के झड़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आजकल युवा, खासकर पुरुष कम उम्र में ही गंजेपन का शिकार हो रहे हैं। गंजापन दूर करने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट में व्यक्ति के सिर के अन्य हिस्सों से बाल लेकर उस स्थान पर लगाए जाते हैं जहां बाल नहीं उग रहे होते हैं। यह एक लोकप्रिय तरीका है लेकिन इसके अपने जोखिम कारक भी हैं। इसी बीच ईरान में हुए एक नए शोध के दौरान गंजापन दूर करने की एक नई तकनीक सामने आई है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि किसी के शरीर से निकाले गए फैटी टिशू के जरिए दोबारा बाल उगाए जा सकते हैं। Also Read:
Chanakya Niti: ऐसी स्त्री बना देती है जीवन नर्क, झेलना पड़ता है अनगिनत कठिनाइयों का सामना1…. Lifestyle: यह असामान्य तकनीक विशेष रूप से स्कारिंग एलोपेसिया रोग में अच्छी तरह से काम करती है जो आमतौर पर स्थायी बालों के झड़ने का कारण बनती है और इसे एक ऑटोइम्यून स्थिति माना जाता है।
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Lifestyle: यह तकनीक प्रभावी क्यों है?
लेकिन इसमें एक बड़ी समस्या, पुरुष पैटर्न गंजापन, पुरुषों में बालों के झड़ने का सबसे आम प्रकार, जो 50 वर्ष की आयु से पहले लगभग आधी पुरुष आबादी को प्रभावित करता है, के इलाज का वादा भी करता है। Also Read:
PM Kisan Yojana: किसानों को हर महीने 3 हजार रुपये देगी सरकार, योजना के लिए आवेदन करने से पहले जानें जरूरी बात Lifestyle: इस शोध में इस प्रकार के गंजेपन की समस्या से पीड़ित चार पुरुषों और पांच महिलाओं को शामिल किया गया था। शोध के दौरान उनकी जांघों से 20 मिलीलीटर फैटी टिशू निकालकर तीन महीने के अंतराल पर तीन बार उनकी खोपड़ी में इंजेक्ट किया गया।
Lifestyle: मौजूदा उपचारों से अधिक प्रभावी
छह महीने के इलाज के बाद इन लोगों के बालों की मोटाई में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। बाल कितनी आसानी से झड़ते हैं, यह देखने के लिए 'हेयर-पुल टेस्ट' किया गया, जिसमें भी बालों के झड़ने में कमी देखी गई।
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Lifestyle: ईरानी वैज्ञानिकों ने तकनीक की खोज की
ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के नेतृत्व में इस शोध के लेखकों ने निष्कर्ष निकाला है कि यह उपचार खोपड़ी के भीतर हानिकारक सूजन को नियंत्रित कर सकता है, जिससे बालों का घनत्व और मोटाई बढ़ती है। उनका कहना है कि वसा के इंजेक्शन, जिसे वैज्ञानिक 'वसा ऊतक' कहते हैं, बालों को दोबारा उगा सकते हैं। Also Read:
Fertilizer and Seed License: 10वीं पास व्यक्ति ले सकता है खाद-बीज बेचने का लाइसेंस, जानें आवेदन का तरीका Lifestyle: जर्नल ऑफ कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित शोध में गंजेपन के मौजूदा उपचारों का वर्णन किया गया है, जिसमें हेयर ट्रांसप्लांट से लेकर माइक्रोनीडल्स का उपयोग शामिल है। लेकिन इन उपचारों में कई समस्याएं हैं। इसलिए, रोगी के आत्मविश्वास, आकर्षण और व्यक्तित्व तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए चिकित्सा विज्ञान में हमेशा नए प्रयोगों और दृष्टिकोणों की आवश्यकता होती है। वसायुक्त ऊतक ऐसे अणुओं का उत्पादन करते हैं जिनके बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि वे बालों के दोबारा उगने में मदद कर सकते हैं। यह सूजन से लड़ सकता है और बालों के रोमों को नुकसान से बचा सकता है।