Lifestyle: बंद कमरे में घंटों तक हीटर ब्लोअर का इस्तेमाल करना नवजात शिशु के लिए हो सकता है घातक, बच्चे के शरीर के ये अंग हो सकते हैं डैमेज
Jan 9, 2024, 13:22 IST
Lifestyle: फेलिक्स अस्पताल की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि राहत पाने के चक्कर में यदि आप बच्चों के साथ कमरे में हीटर, अंगीठी या अन्य उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं तो वह यह जान ले सकता है। बंद कमरे में यदि हीटर, अंगीठी या अन्य उपकरण का इस्तेमाल करते हैं तो वह बंद कमरे की ऑक्सीजन खत्म कर देता है, जबकि कार्बनडाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ा देता है। जिससे सांस लेने में तकलीफ हो जाती है। कार्बनडाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने के बाद कमरे में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए हादसे होने की संभावना बनी रहती है। Also Read: Viral: 4 साल के बच्चे ने स्कूल में अपने सहपाठी से की सगाई, तोहफे में दी 12 लाख रुपये की पुश्तैनी सोने की ईंट— Lifestyle: बंद कमरे में हीटर चलाने से ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण बच्चों पर अधिक असर पड़ता है। बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो जाती है, जिससे सोते बच्चे की जान भी जा सकती है। इसलिए बंद कमरे में अगर हीटर चला रहे हैं तो उस कमरे में बच्चों को नहीं सुलाएं। अगर कमरे में हीटर या फिर अन्य उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं तो कमरे का दरवाजा, खिड़की खुली होनी चाहिए, जिससे आक्सीजन की प्रयाप्त मात्रा इंसान को मिलती रहे। कमरे में एक बाल्टी पानी भी जरूर रखें। इससे ऑक्सीजन और नमी बनी रहती है। Lifestyle: हीटर को पावर स्विच में ही लगाएं। सादे स्विच जल्द ही गर्म हो जाते हैं। जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है। नवजात को सर्दी से बचाने के लिए बंद कमरे में ब्लोअर, हीटर व अंगीठी का उपयोग अधिक देर तक न करें। गरम कपड़े पहनाएं और पेट की सिंकाई, भाप व गुनगुना पानी समेत अन्य तरीके अपनाएं। Also Read: Lifestyle: पैसों से नहीं खरीदी जा सकती है खुशियां, स्टडी में आया हैरान करने वाला सच… सर्दी में पेट दर्द, जुकाम, खांसी में आराम मिलेगा। बच्चों की इम्युनिटी कम होती है। उन्हें कोल्ड एक्सपोजर लगने का खतरा अधिक रहता है। शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए। शरीर में पानी कम होने पर डिहाइड्रेशन की आंशका बढ़ जाती है। ओपीडी में बच्चे शरीर में पानी की कमी से पेट में दर्द, दस्त, बुखार, खांसी व जुकाम की समस्या के साथ आ रहे हैं। डॉक्टर की सलाह लेकर ही दवाएं खिलाएं। Lifestyle: सर्दी और खांसी होने पर खुद से सिरप कतई न दें। इससे गले में कफ जमने से कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। नवजात को बीमारियों से बचाने के लिए छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाएं। दूध में पौष्टिक चीजें होती हैं। नवजात के छह माह पूरा होने पर दलिया, दाल, खीर, मसली, सब्जी व फल खिलायें। एक साल के होने के बाद रोटी, दाल और सब्जी समेत अन्य घर में बनने वाली चीजें खिलायें। आप हीटर को बेबी से दूर रखें। ब्राइट कॉइल हीटर दिखने में अट्रैक्टिव होते हैं और बच्चा इन्हें छूने के लिए भाग सकता है। ज्यादातर हीटर बहुत गर्म होते हैं और स्किन को जला सकते हैं इसलिए इन्हें पर्याप्त दूरी पर रखें। Also Read: Crop Compensation: हरियाणा में जारी हुआ फसल बीमा क्लेम, क्या आपके खाते में पहुँच चुकी है राशि