Rarest Types of Cancer: कैंसर का सामाजिक और आर्थिक असर, खासतौर से विकासशील देशों पर ज्यादा पड़ता है। भारत जैसे विकासशील देश में,जिसकी आबादी 1.3 अरब हो चुकी है और यहां दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी बसती है,कैंसर ने आबादी के स्तर पर अपना अलग जाल बिछाया हुआ है। डॉक्टर्स की मानें तो भारत में अगले दशक में लगभग 10 मिलियन लोग कैंसर के शिकार होंगे। ज्यादातर लोग अब तक ब्रेस्ट कैंसर,लिवर,ओरल केविटी,पेट और सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानते हैं, जो कैंसर के आम प्रकार है। लेकिन क्या आपने कभी दुर्लभ कैंसर के बारे कुछ सुना है?
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फोर्टिस हॉस्पिटल (नोएडा) के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी,डॉ जलज बख्शी कहते हैं कि दुर्लभ या रेयर कैंसर उन्हें कहते हैं जो 10,0000 की आबादी में 6 लोगों को प्रभावित करते हैं। हालांकि बेहतर डायग्नॉसिस तकनीकों और पहले से ज्यादा एडवांस उपचार निर्देशों के चलते कैंसर के निदान में साल दर साल सुधार हो रहा है, लेकिन दुर्लभ कैंसर के मामले में अभी भी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। जिसका कारण रोग का देरी से पता चलना है। दुर्लभ कैंसर काफी एडवांस स्टेज में पहुंचने के बाद ही लक्षणों को प्रकट करते हैं। इसके अलावा, इनके उपचार संबंधी दिशा-निर्देश भी फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं। इलाज का खर्च और इंश्योरेंस कवर के न होने से कैंसर के इलाज की चुनौतियां और बढ़ जाती हैं। ऐसे में भारत में पाए जाने वाले इन निम्न प्रकार के दुर्लभ कैंसर को लेकर जागरूक होने की जरूरत है।
Rarest Types of Cancer: मेलानोमा
मेलानोमा काफी आक्रामक किस्म का स्किन कैंसर है जो नोड्स से होते हुए शरीर के अन्य भागों में फैलता है। यह पिग्मेंटेड होता है और शरीर के सिरों पर तथा म्युकोक्युटैन्रस जंक्शन पर दिखाई देता है। इसका इलाज सर्जरी और कीमो इम्युनोथेरेपी से किया जाता है जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि रोग किस चरण में है।
Rarest Types of Cancer: पैंक्रियाटिक (अग्नाशय)कैंसर
अग्नाशय या पैंक्रियाज हमारे पेट के भीतरी भाग में स्थित अंग है जो हेपेटोबिलियरी सिस्टम से जुड़ा होता है। अक्सर अग्नाशय का कैंसर एडवांस चरण में पकड़ में जाता है, शुरुआती चरण में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। रोग के गंभीर होने के बाद जॉन्डिस के रूप में यह रोग कुछ हद तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है। ऐसे मरीजों की संख्या काफी मामूली होती है जिनका डायग्नॉसिस शुरू में हो जाता है और उस स्थिति में उनका इलाज सर्जरी से किया जाता है, जबकि एडवांस अग्नाशय कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।
Rarest Types of Cancer: सॉफ्ट टिश्यू सारकोमा
ये ट्यूमर आमतौर से मीसेन्काइमल टिश्यू (बोन, मसल, टेंडन और फैसिया) को प्रभावित करते हैं और प्रायः शरीर के सिरों पर तथा रेट्रोपेरिटोनियम में होते हैं। इनके इलाज के लिए सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी तथा कीमोथेरेपी का प्रयोग किया जाता है। हाल के वर्षों में, कई मरीजों के मामलों में, सर्जरी से हाथ-पैरों को सुरक्षित बचाने (लिंब सैल्वेज) की संभावनाएं बढ़ी हैं।
Rarest Types of Cancer: लिंफोमा
ये मायलोप्रोलिफेरेटिव विकार होते हैं और इनमें गर्दन, बगल और पेट में लिंफ नोड्स का आकार काफी बढ़ जाता है। इसका इलाज कीमोथेरेपी से किया जाता है जो कि काफी असरकारी होती है लेकिन यह रोग अक्सर दोबारा लौट आता है (रीलैप्स) है और तब बोन मैरो ट्रांसप्लांट पद्धति से इलाज किया जाता है।
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यह स्टर्नम हड्डी के पीछे वक्ष (थौरेक्स) में स्थित थाइमस ग्रंथि का कैंसर होता है। इमेजिंग तथा बायप्सी की मदद से इसका निदान किया जाता है। यदि रोग शुरुआती चरणों में होता है जो सर्जरी से इसे हटाया जाता है जबकि एडवांस स्टेज में पहुंचने पर कीमोरेडिएशन की मदद ली जाती है।