पालक और बथुआ से भी ज्यादा फायदेमंद है ये सब्जी, मिलेंगे कमाल के फायदे

पोई साग एक पौष्टिक पत्तेदार सब्जी है जो सेहत के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर को फायदा पहुंचाने का काम करते हैं। पोई साग की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि इसकी डिमांड बाजारों में काफी ज्यादा है।
 
पालक और बथुआ से भी ज्यादा फायदेमंद है ये सब्जी, मिलेंगे कमाल के फायदे

पोई साग एक पौष्टिक पत्तेदार सब्जी है जो सेहत के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है। इसमें विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर को फायदा पहुंचाने का काम करते हैं। पोई साग की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है क्योंकि इसकी डिमांड बाजारों में काफी ज्यादा है।

पोई साग के फायदे:

- इसमें कैल्शियम की काफी अच्छी मात्रा पाई जाती है जो ड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है।


- यह हार्ट के लिए लाभदायक मानी जाती है क्योंकि इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है।


- इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने में मदद करते हैं।


- यह स्किन के लिए भी लाभदायक मानी जाती है क्योंकि इसमें विटामिन-सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है।

पोई साग की खेती:

- पोई साग की खेती भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया में की जाती है।


- इसकी खेती किसान पूरे साल कर सकते हैं।


- इसकी रोपाई का उपयुक्त समय सितंबर से लेकर जनवरी के बीच तक माना जाता है।

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- किसानों को इसकी रोपाई करने के लिए दोमट या बलुई मिट्टी में करनी चाहिए।


- पहली जुताई के बाद इसके खेत में सड़े गोबर की खाद को कंपोस्ट के साथ मिलाकर डाल देना चाहिए।


- गर्मियों के दिन में इसकी फसल को 5 से 10 दिनों के अंतराल में पानी की आवश्यकता होती है।

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