Karnal: लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षित सीटों को लेकर अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, हरियाणा राजपूत प्रतिनिधि सभा और राजपूत सभा करनाल ने सवाल उठाए हैं. समाज की मांग है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी पंचायती राज चुनावों की तरह आरक्षण रोटेशन होना चाहिए, ताकि एससी समुदाय को भी अपनी सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिल सके.
Karnal: करनाल को एससी वर्ग का आरक्षण मिला
राजपूत समाज के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अंबाला में एससी सीट आरक्षित है, लेकिन करनाल को कभी एससी वर्ग के लिए आरक्षित क्यों नहीं किया गया? क्या करनाल के SC समुदाय को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है?
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Karnal: प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आज भी एससी समाज गुवाड़ियों यानि छोटी-छोटी बस्तियों में बंटा हुआ है। सरकारें छुआछूत मिटाने की बात तो करती हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यदि चक्रानुक्रम के अनुसार सीटें आरक्षित होंगी तो एससी समुदाय मुख्यधारा में शामिल हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जैसे आज पूरे देश में मोदी की गारंटी चलती है, आजादी से पहले या लोकतंत्र से पहले इस पूरे समाज में ठाकुर की गारंटी चलती थी. जब ठाकुर के खेत में अनाज होता था तो अनाज पहले मजदूर के घर और फिर ठाकुर के घर जाता था।
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Karnal: प्रदेश अध्यक्ष नरेश चौहान ने कहा कि उन्होंने सभी जिलों का दौरा कर राजपूत समाज का डेटा इकट्ठा किया है. आज हमारे पास 1930 से लेकर 2019 तक का डेटा है. 1930 के बाद से राजपूत 18 विधानसभाओं में चुनाव जीत चुके हैं. 1996 में श्याम सिंह राणा को करनाल लोकसभा में 1 लाख 76 हजार वोट मिले थे. बिशन सिंह राणा कुरूक्षेत्र लोकसभा से 28 से 30 हजार वोटों से हारे। गुड़गांव, फरीदाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़ ये पांच लोकसभा क्षेत्र हैं, जहां राजपूतों की संख्या 1.5 लाख से 3.25 लाख तक है.
Also Read: Watermelon Farming: तरबूज की खेती करना बिल्कुल आसान, इन बातों को करें फॉलो और पाएं ढेर सारा मुनाफा Karnal: पूरे राज्य में 8 फीसदी राजपूत आबादी
Karnal: पूरे प्रदेश में 8 फीसदी राजपूत आबादी है, जबकि पंडित भगवत दयाल शर्मा, राव बीरेंद्र सिंह, बनारसी दास गुप्ता जैसे सात फीसदी, चार फीसदी और पांच फीसदी लोग राजनीति में बड़े पदों पर हैं और मनोहर लाल मुख्यमंत्री भी हैं. रह गया. लेकिन मुख्यमंत्री बनने की बारी एससी समुदाय और राजपूत समुदाय की भी है. हमने एक स्मारिका में पूरा डाटा एकत्रित किया है जिसके आधार पर समाज को बूस्टर डोज देने का काम किया गया है और बताया गया है कि आपका समाज एक या दो सीट ही नहीं बल्कि लोकसभा सीट पर भी चुनाव लड़ने का हकदार है. सीटें और राज्यसभा सीटें. का भी हकदार है.
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