हरियाणा में बीजेपी को डेरा के समर्थन पर चर्चा: 15 सदस्यीय कमेटी में हनीप्रीत की ड्यूटी लगाई गई

सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा द्वारा हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने की चर्चा है. डेरा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म होते ही डेरा प्रबंधन ने अपनी कमेटियों को सक्रिय कर दिया है.
 
हरियाणा में बीजेपी को डेरा के समर्थन पर चर्चा: 15 सदस्यीय कमेटी में हनीप्रीत की ड्यूटी लगाई गई

सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा द्वारा हरियाणा में बीजेपी को समर्थन देने की चर्चा है. डेरा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार शाम को चुनाव प्रचार खत्म होते ही डेरा प्रबंधन ने अपनी कमेटियों को सक्रिय कर दिया है.

प्रेमी जोड़ों को शिविर के निर्णय की जानकारी देने के लिए 15 सदस्यीय कमेटी की ड्यूटी लगाई गई है। समिति ने भंगीदास को यह संदेश दिया है. अब भंगीदास ब्लॉक और वार्ड स्तर पर घर-घर संदेश पहुंचा रहे हैं.

हालांकि, खेमे की ओर से कहा जा रहा है कि वे किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं. उनकी राजनीतिक शाखा भी भंग कर दी गई है. लेकिन, चर्चा है कि श्रद्धालुओं तक शिविर का संदेश पहुंचाने के लिए सिरसा में 300 और हिसार में 200 लोगों की टीम बनाई जा रही है.

5 दिन पहले बीजेपी नेताओं ने हनीप्रीत से मुलाकात की थी
5 दिन पहले बीजेपी नेताओं ने डेरे में जाकर डेरा मुखी राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत उर्फ ​​प्रियंका तनेजा से मुलाकात की थी. उन्होंने बीजेपी के लिए समर्थन मांगा था. हालांकि, हनीप्रीत ने इसके लिए 3 से 4 दिन का वक्त मांगा था. इसके बाद शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने दोबारा कैंप में जाकर उनसे संपर्क किया। बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि इसके बाद हनीप्रीत ने 15 सदस्यीय कमेटी को उनका समर्थन करने का आदेश दिया है.

हरियाणा की 8 सीटों पर डेरा सच्चा सौदा का प्रभाव
इस खेमे का प्रभाव हरियाणा की सिरसा, हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़, फ़रीदाबाद, सोनीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र और अंबाला लोकसभा सीटों पर माना जाता है। यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि यहां जीत-हार का अंतर कम हो सकता है.

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ऐसे में अगर डेरा सच्चा सौदा बीजेपी को समर्थन देता है तो उनके उम्मीदवार को फायदा हो सकता है.

राम रहीम की गैरमौजूदगी में राजनीतिक फैसलों की कमान हनीप्रीत को सौंपी गई.
लोकसभा चुनाव के समय राम रहीम जेल में हैं. ऐसे में डेरामुखी की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत डेरे का कामकाज संभाल रही है. इतना ही नहीं इन लोकसभा चुनावों में हनीप्रीत को राम रहीम की गैरमौजूदगी में राजनीतिक फैसले लेने का अधिकार भी दिया गया है.

डेरा मुखी को इस बार पैरोल नहीं मिली
हाल ही में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की बार-बार पैरोल पर सवाल उठाए थे. ननों की हत्या और यौन शोषण के दोषी शख्स को जनवरी में 50 दिनों की पैरोल दी गई थी. करीब 10 महीने में यह उनकी 7वीं और पिछले 4 साल में 9वीं पैरोल थी।

इसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार को 10 मार्च को राम रहीम का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. उसी दिन जब उनकी पैरोल समाप्त होने वाली थी, तो उन्होंने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह राम रहीम को अगली पैरोल देने के लिए अदालत से अनुमति मांगे. समय। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह बताए कि इस तरह से कितने लोगों को पैरोल दी गई है.

राम रहीम ने हाल ही में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी कि नियमों के मुताबिक उनकी 41 दिन की फरलो-पैरोल बाकी है. उसे ये मिलना चाहिए. इस मामले में हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस दिया था लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.

2014 में बीजेपी को समर्थन दिया
पंजाब के पिछले चुनाव में डेरा समर्थकों ने आखिरी वक्त पर बीजेपी का समर्थन किया था. इसका फायदा बीजेपी और अकाली दल गठबंधन को हुआ. हरियाणा में 2014 के चुनाव में बीजेपी की जीत में डेरा ने बड़ी भूमिका निभाई थी. 2019 के चुनाव में बाबा के जेल जाने के बावजूद कई नेता, पूर्व विधायक और प्रत्याशी खेमे के संपर्क में थे. इसका उन्हें फायदा भी मिला.

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