हुड्डा-सैलजा में टिकट बांटने को लेकर बनी सहमतिः आलाकमान के दबाव के बाद हुआ फैसला
Haryana: हरियाणा कांग्रेस में टिकटों को लेकर कोई मारामारी नहीं होगी। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी शैलजा के बीच टिकट बंटवारे को लेकर सहमति बन गई है। दोनों नेताओं ने सहमति जताई है कि वे एक-दूसरे के करीबियों को टिकट आवंटन के बारे में कुछ नहीं कहेंगे। बताया जा रहा है कि शैलजा हुड्डा को ज्यादा सीटें देने पर राजी हो गई हैं। हुड्डा ने भी शैलजा को 35 से 40 सीटें देने पर सहमति जताई है, बाकी सीटों पर हुड्डा अपनी पसंद के मुताबिक मजबूत उम्मीदवारों को टिकट देंगे।
दोनों नेताओं की दिल्ली में मुलाकात हुई है। अब दोनों नेता अपनी पसंदीदा सीटों की सूची एक-दूसरे से साझा करने वाले हैं। इसे लेकर हुड्डा और शैलजा दोनों के समर्थकों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। यह तस्वीर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की है। जिसमें दाएं से साथ बैठे राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान हैं। यह तस्वीर स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की है। जिसमें दाईं ओर से साथ बैठे हैं राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा सांसद कुमारी शैलजा, पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान।
सैलीजा ने कहा- मैं भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं
साथ ही शैलजा ने कहा कि मैं भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं, लेकिन यह फैसला भी पार्टी हाईकमान को लेना है। कांग्रेस की जीत की संभावना पर भारी पड़ रही गुटबाजी से जुड़े सवाल पर शैलजा ने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो सभी मिलकर कांग्रेस खेमे के तौर पर काम करते हैं।
किसी भी संगठन में जगह बनाने के लिए हमेशा खींचतान होती रहती है और होती रहेगी, लेकिन कांग्रेस में यह सिर्फ टिकटों की घोषणा तक ही है। आखिर सभी लोग पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। इसे गुटबाजी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
हाईकमान के दबाव के बाद फैसला
सैलीजा और हुड्डा ने टिकट आवंटन पर फैसला हाईकमान के दबाव के बाद लिया है। पिछले दिनों कांग्रेस की बैठक में जिस तरह से गुटबाजी देखने को मिली, उससे हाईकमान काफी खफा है। हाईकमान ने यहां तक कह दिया कि अगर आपसी कलह जारी रही तो वह अपने हिसाब से उन्हें टिकट बांटेंगे। इसके बाद दोनों नेता बैकफुट पर आ गए।
पूरी कांग्रेस एक मंच पर नजर आएगी
जल्द ही पूरी कांग्रेस भी एक मंच पर नजर आएगी। टिकटों को लेकर नेताओं की आपसी सहमति भी लोगों को नजर आएगी। दोनों नेताओं के बीच सहमति के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि गुटबाजी की चर्चाओं को रोकने के लिए बड़े नेता एक मंच पर आएंगे। प्रदेश स्तर के सभी कार्यक्रम एक साथ होंगे।
दूसरी ओर, अगर नेता अपने क्षेत्रों में कोई कार्यक्रम करना चाहते हैं तो कर सकते हैं, लेकिन जब बात प्रदेश की होगी तो नेताओं को एक मंच पर आना होगा। इससे जनता में यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है।
गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस 10 साल में 46 सीटें नहीं जीत पाई
कांग्रेस में गुटबाजी कोई नई बात नहीं है। इसके कारण ही कांग्रेस 10 साल से सत्ता से बाहर है। कांग्रेस ने आज तक संगठन नहीं बनाया है। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 46 सीटों पर कांग्रेस करीब 10 साल से जीत नहीं पाई है। ऐसे में कांग्रेस आगामी चुनाव में इन सीटों पर फोकस कर रही है। कांग्रेस पानीपत, अंबाला, करनाल, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस उम्मीदवारों का ऐलान करेगी कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 26 अगस्त से शुरू हो रही है। यह बैठक 4 से 5 दिन तक चलेगी। वहीं, हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में अलग-अलग बैठकों का दौर शुरू हो गया है। घोषणापत्र समिति की बैठक समानांतर चल रही है। माना जा रहा है कि ये सभी बैठकें खत्म होने के बाद ही सितंबर के पहले हफ्ते में कांग्रेस की पहली सूची जारी होगी। इस सूची के बाद कांग्रेस की दूसरी और तीसरी सूची जारी होगी। सबसे आखिर में उन विधानसभा क्षेत्रों की सूची जारी होगी, जहां दिक्कतें आएंगी।