हरियाणा में इनेलो-बसपा गठबंधन: 37 विधानसभा सीटें होंगी और इनेलो के हिस्से में 53, अभय चौटाला होंगे सीएम का चेहरा
1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान इनेलो व बसपा के बीच पहली बार गठबंधन हुआ था। इनेलो ने सात लोकसभा सीटों पर और बसपा ने तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बसपा ने एक अंबाला लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि इनेलो प्रत्याशी राज्य की चार लोकसभा सीटों कुरुक्षेत्र, हिसार, सिरसा और भिवानी पर चुनाव जीते थे।
इसके बाद साल 2018 में बसपा और इनेलो के बीच राजनीतिक गठजोड़ हुआ, लेकिन यह गठबंधन विधानसभा चुनाव तक लोगों के बीच नहीं पहुंच पाया। अब तीसरी बार इनेलो ने अपना खोया हुआ राजनीतिक वजूद बचाने के लिए बसपा के गठबंधन की पहल की है। पिछले सप्ताह ही अभय सिंह चौटाला बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ नई दिल्ली में मुलाकात कर चुके हैं।
इस दौरान अभय चौटाला ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर हमारा एक सांझा घोषणा पत्र है। एससी एसटी की नौकरियां भरी जाएंगी। जो कोटा खत्म किया गया, उसे वापस दिया जाएगा। एससी-एसटी को 100-100 गज के मुफ्त प्लॉट दिए जाएंगे। एससी एसटी बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। एससी और बीसी को मुफ्त कॉलेज शिक्षा दी जाएगी। चाहे वे सरकारी या प्राइवेट किसी कॉलेज में पढ़े। जनरल कैटेगरी के बच्चों से जो बांड भरवाए जा रहे हैं हम उसे खत्म करेंगे।
चौटाला ने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर रोक लगाएंगे। हमारी पूर्व की सरकार में कानून व्यवस्था अच्छी थी जो अब खत्म हो चुकी है। हम सत्ता में आए तो अग्निवीर को खत्म करेंगे। किसानों को एमएसपी की गारंटी देंगे और प्रॉपर्टी आईडी पीपीपी खत्म करेंगे। एचकेआरएन को खत्म करेंगे और इसकी जगह स्थाई नौकरियां निकालेंगे। सभी पोर्टल खत्म करेंगे।
7500 करेंगे बुढ़ापा पेंशन
प्रदेश में बदमाशों का दबदबा है। मुख्यमंत्री इसे रोकने का बयान देते हैं लेकिन इन लोगों को सरकार संरक्षण दे रही है। चौधरी देवीलाल ने बुढ़ापा पेंशन शुरू की थी। जो आज 3000 है, हम इसे 7500 करेंगे। हम हर घर से एक पढ़े लिखे युवा को सरकारी नौकरी देंगे। 21 हजार बेरोजगारी भत्ता देंगे। पीने का पानी मुफ्त देंगे। हर घर में हर महीने गैस का एक सिलेंडर मुफ्त देंगे।
उन्होंने कहा कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और बहन मायावती ने आज तक लोगों से जो जो वादे किए, उन्हें पूरा करके दिखाया। अब भी वादे पूरे किए जाएंगे। किस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा। यह बाद में तय किया जाएगा।
तीसरी बार गठबंधन करने पर चौटाला ने कहा कि हमने पहले गठबंधन जब किया था तब 5 सीटें जीती थीं। हमने कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को समर्थन दिया था।दूसरी बार गठबंधन किया तब हमारे ही कुछ स्वार्थी लोग हमने अलग हो गए थे। जिससे हमें नुकसान हुआ। हमने फिर लोगों की भावनाओं को देखते हुए गठबंधन किया और विधानसभा के बाद भी आगे आने वाले चुनाव मिलकर लड़ेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो आम आदमी पार्टी से भी बात कर सकते हैं लेकिन यह बाद की बात है।