कुरुक्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे नवीन जिंदल: किसानों के विरोध से इनेलो को फायदा, आप से असमंजस में कांग्रेसी

हरियाणा का कुरुक्षेत्र, जहां महाभारत हुई थी। इसी धरती पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया था। अब यहां लोकसभा चुनाव की सियासी जंग शुरू हो गई है। इस बार भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल पर दांव लगाया है। उनकी मां सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं।
 
कुरुक्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे नवीन जिंदल: किसानों के विरोध से इनेलो को फायदा, आप से असमंजस में कांग्रेसी

हरियाणा का कुरुक्षेत्र, जहां महाभारत हुई थी। इसी धरती पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश भी दिया था। अब यहां लोकसभा चुनाव की सियासी जंग शुरू हो गई है। इस बार भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए जिंदल स्टील एंड पावर के चेयरमैन नवीन जिंदल पर दांव लगाया है। उनकी मां सावित्री जिंदल देश की सबसे अमीर महिला हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के संयुक्त उम्मीदवार सुशील गुप्ता मैदान में हैं। इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। जेजेपी ने पालाराम सैनी को टिकट दिया है।

जानकारों और लोगों की मानें तो कुरुक्षेत्र में असली मुकाबला नवीन जिंदल और सुशील गुप्ता के बीच है। कांग्रेस का वोट बैंक सुशील गुप्ता को ही वोट देगा। जबकि किसान आंदोलन जिंदल के लिए मुसीबत बनता दिख रहा है। खनौरी बॉर्डर पर हुई हिंसा में युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद जाटों में गुस्सा है। वे भाजपा से नाराज हैं।

दूसरी ओर अभय चौटाला को भी कम नहीं आंका जा सकता। अगर अभय चौटाला को इस सीट से अच्छे वोट मिलते हैं तो इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा। क्योंकि इनेलो और आप-कांग्रेस को ग्रामीण क्षेत्रों से अच्छे वोट मिलने की उम्मीद है। ग्रामीण क्षेत्रों में जाट मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यह वोट बैंक इनेलो और इंडिया गठबंधन के बीच बंटेगा। जिसका सीधा फायदा भाजपा को होगा।

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पंजाब से सटे इलाकों में गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता आगे चल रहे हैं तो वहीं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अभय चौटाला के पक्ष में मतदान करने की बात कर रहे हैं। वहीं जेजेपी के पालाराम सैनी का अपना वोट बैंक है। उनके सामने अपना वोट बैंक बचाने की चुनौती होगी। इस सीट में 3 जिलों के 9 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। जिसमें कुरुक्षेत्र जिले के 4 विधानसभा क्षेत्र थानेसर, लाडवा, शाहाबाद और पेहोवा शामिल हैं, जबकि कैथल जिले के 4 विधानसभा क्षेत्र कैथल, पुंडरी, कलायत, गुहला शामिल हैं और यमुनानगर जिले का रादौर विधानसभा क्षेत्र कुरुक्षेत्र लोकसभा में आता है।

2 पॉइंट में समझें कुरुक्षेत्र का समीकरण

नवीन जिंदल पहले भी कांग्रेस के टिकट पर कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं और यहां से सांसद रह चुके हैं। नवीन जिंदल के पास अपनी टीम है और बीजेपी का मजबूत संगठन भी उनकी मदद कर रहा है। कुरुक्षेत्र में बीजेपी 10 साल से सत्ता में है। नवीन कुरुक्षेत्र के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं और उन्हें पता है कि कहां ज्यादा मेहनत करनी है और कहां कम। वे नफा-नुकसान देखकर सारी प्लानिंग कर रहे हैं।

सुशील गुप्ता आम आदमी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें गठबंधन के तहत हरियाणा कुरुक्षेत्र सीट दी है। इससे पहले कांग्रेस लंबे समय से अकेले ही चुनाव लड़ती रही है। बाहरी उम्मीदवार से कांग्रेस नेता भी असहज हैं। अंदरखाने भितरघात का डर है और इनेलो के बढ़ते वोट बैंक ने भी सुशील गुप्ता की चिंता बढ़ा दी है।

कुरुक्षेत्र का जातिगत समीकरण
इस सीट पर 17,76,936 मतदाता हैं। इनमें से 4 लाख से ज़्यादा मतदाता जाट जाति से हैं, जो इस लोकसभा में सबसे बड़ा वोट बैंक वाली जाति है. इसके बाद ब्राह्मण और सैनी जाति के पास 8-8 प्रतिशत वोट हैं. पंजाबी समुदाय के पास 6% वोट हैं. अग्रवाल समुदाय के पास 5% वोट हैं. इनके बाद रोड समुदाय के पास यहाँ 3% वोट हैं. मुस्लिम और ईसाई समुदाय के पास यहाँ 0.5% वोट हैं, जबकि राजपूत समुदाय के पास लगभग 2% वोट हैं. कश्यप समुदाय के पास यहाँ 3% वोट हैं. वहीं, गुर्जर समुदाय के पास भी यहाँ 3% वोट हैं. अनुसूचित जाति के पास यहाँ लगभग 11% वोट हैं. वाल्मीकि समुदाय के पास 7% वोट हैं. बाजीगर समुदाय के पास 2% वोट हैं और अन्य वोट अन्य जातियों के हैं.

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