राहुल गांधी ने हुड्‌डा-सैलजा के हाथ मिलवाए: कांग्रेसी गुटबाजी को खत्म करने की बड़ी कोशिश, सैलजा और हुड्डा के बीच बनाई सुलह

हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए प्रचार करने के साथ ही राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी को भी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने सोमवार को अंबाला के नारायणगढ़ से 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' की शुरुआत की।
 
राहुल गांधी ने हुड्‌डा-सैलजा के हाथ मिलवाए: कांग्रेसी गुटबाजी को खत्म करने की बड़ी कोशिश, सैलजा और हुड्डा के बीच बनाई सुलह

Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए प्रचार करने के साथ ही राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी को भी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल ने सोमवार को अंबाला के नारायणगढ़ से 'हरियाणा विजय संकल्प यात्रा' की शुरुआत की। इस मौके पर आयोजित जनसभा के दौरान भीड़ का अभिवादन करते हुए राहुल गांधी ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी शैलजा से हाथ मिलवाया।

टिकट बंटवारे के समय से ही शैलजा और हुड्डा के बीच दरार आ गई है। शैलजा अपने कई समर्थकों को टिकट न मिलने और हुड्डा समर्थकों द्वारा उन्हें जातिसूचक शब्द कहने से नाराज हैं। वह कई इंटरव्यू में इशारों-इशारों में अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुकी हैं। 12 सितंबर को टिकटों की घोषणा के बाद शैलजा ने चुनाव प्रचार से भी दूरी बना ली थी। उन्होंने 25 सितंबर तक प्रदेश में कहीं भी कोई कार्यक्रम नहीं किया। 26 सितंबर को राहुल गांधी खुद उन्हें दिल्ली से करनाल की रैली में लेकर आए थे।

शैलजा और हुड्डा के बीच नाराजगी की 3 वजहें

1. शैलजा ने सीएम की कुर्सी पर दावा ठोका

चुनावों की घोषणा के बाद सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने सीएम की कुर्सी पर दावा ठोका। शैलजा ने कहा कि राज्य में अनुसूचित जाति से सीएम होना चाहिए। चूंकि इस समय भूपेंद्र हुड्डा सीएम की कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार हैं। इस कारण हुड्डा समर्थक नाराज हो गए।

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2. टिकट वितरण में हुड्डा का पलड़ा भारी

कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर शैलजा ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की पूरी कोशिश की। हालांकि, इसमें हुड्डा का पलड़ा भारी रहा। 90 में से 72 टिकट हुड्डा समर्थकों को दिए गए। इस कारण शैलजा नाराज हो गईं।

3. जातिसूचक शब्दों से और भड़कीं, प्रचार बंद कर दिया

इसके बाद एक सीट पर मंच से घोषणा करने के बावजूद शैलजा अपने समर्थक को टिकट नहीं दिला पाईं। यहां से हुड्डा समर्थक को टिकट मिल गया। इसके बाद इस सीट से प्रत्याशी के एक समर्थक ने शैलजा के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। इससे शैलजा इतनी नाराज हो गईं कि उन्होंने चुनाव प्रचार ही छोड़ दिया। वे गुस्से में घर बैठ गईं।

राहुल के फोन के बाद खड़गे से की मुलाकात

जैसे-जैसे शैलजा का गुस्सा बढ़ता गया, हरियाणा में दलित मतदाताओं में कांग्रेस के प्रति गुस्सा बढ़ता गया। यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी शैलजा के गुस्से के लिए कांग्रेस को कोसना शुरू कर दिया। इसके बाद राहुल गांधी ने शैलजा को फोन किया। फिर शैलजा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात की। जिसके बाद उनका गुस्सा शांत हुआ और वह प्रचार के लिए आईं।

गुस्से के बाद बैठक में खड़गे ने शैलजा को उनके जन्मदिन पर केक खिलाया।

गुस्से के बाद बैठक में खड़गे ने शैलजा को उनके जन्मदिन पर केक खिलाया।

हुड्डा ने कहा था- शैलजा बहन

कुमारी शैलजा को जातिसूचक शब्द कहने का मामला भी हुड्डा के सामने उठाया गया। इस पर हुड्डा ने कहा कि शैलजा पार्टी की सम्मानित नेता हैं। वह हमारी बहन हैं। अगर कोई कांग्रेसी उन्हें गलत कहता है, तो पार्टी में उसकी कोई जगह नहीं है।

शैलजा ने कहा- समय सब कुछ बता देता है

इस बारे में पूछे जाने पर शैलजा ने कहा कि समय सब कुछ बता देता है। जब सैलजा से पूछा गया कि क्या वह हुड्डा समर्थकों के लिए प्रचार करने जाएंगी तो उन्होंने कहा कि उन्हें बुलाया नहीं जाएगा। यहां तक ​​कि राहुल गांधी के पिछले दौरे के दौरान भी भूपेंद्र हुड्डा असंध रैली में सैलजा के साथ आए थे, लेकिन हिसार में हुड्डा समर्थकों के लिए प्रचार करने के लिए सैलजा मंच पर नहीं गईं।

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