हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तो सैनी फिर होगें CM, शाह बोले- हमें किसी बैसाखी की जरूरत नहीं

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है। पंचकूला में कार्यकर्ताओं की बैठक में अमित शाह ने कहा कि भाजपा यहां किसी की बैसाखी पर नहीं चलेगी। नायब सैनी के नेतृत्व में भाजपा को अकेले पूर्ण बहुमत मिलेगा। इसके साथ ही शाह ने संकेत दिए कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तो नायब सैनी फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
 
हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तो सैनी फिर होगें CM, शाह बोले- हमें किसी बैसाखी की जरूरत नहीं

हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान किया है। पंचकूला में कार्यकर्ताओं की बैठक में अमित शाह ने कहा कि भाजपा यहां किसी की बैसाखी पर नहीं चलेगी। नायब सैनी के नेतृत्व में भाजपा को अकेले पूर्ण बहुमत मिलेगा। इसके साथ ही शाह ने संकेत दिए कि हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी तो नायब सैनी फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। आपको बता दें कि लोकसभा की 10 में से 5 सीटें हारने के बाद भाजपा की पहली बड़ी बैठक पंचकूला में हो रही है।

इससे पहले सीएम नायब सैनी ने शाह का हरियाणा पहुंचने पर स्वागत किया। वहीं, चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर केंद्रीय राज्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर, राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा और सांसद नवीन जिंदल ने अमित शाह का स्वागत किया। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक के पहले सत्र के बारे में मीडिया से जानकारी साझा की।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले 3 महीने में विधानसभा चुनाव हैं। इसके मद्देनजर 100 दिन का रोडमैप बनाया गया है। 100 दिन में बूथ से लेकर मंडल और विधानसभावार कार्यक्रम होंगे। हर जिले में 5 केंद्रीय मंत्रियों का दौरा होगा। हरियाणा में तीसरी बार भाजपा सरकार बनाएगी। हरियाणा पीएम मोदी के विजन की अगुआई करेगा। चुनाव में हमारे प्रतिनिधि जनता के बीच जाएंगे। हम तीसरी बार भी जनता का विश्वास जीतेंगे।

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मुख्यमंत्री ने तीसरी बार सरकार बनाने का दावा किया
पहले सत्र की शुरुआत भाजपा के हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे। सत्र की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। करीब 2 घंटे बाद पहला सत्र समाप्त हुआ।

बैठक की शुरुआत में पहले सत्र में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि प्रदेश में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है। केंद्र की तरह हरियाणा में भी सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री ने हरियाणा सरकार की 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं, बताया कि किस तरह सरकार ने गरीबों के लिए काम किया।

बिना सिफारिश के नौकरियां दी गईं और हरियाणा में किस तरह बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया। नायब सैनी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अधिक से अधिक मेहनत करें और कांग्रेस द्वारा लोगों के बीच फैलाए गए झूठ को उजागर करें।

प्रधानमंत्री के मन की बात हर जगह सुनी जाएगी

बैठक के पहले पत्र में कार्यकर्ताओं को 100 दिन का रोड मैप दिया गया है। इसमें 6 जुलाई तक हर बूथ पर पेड़ लगाने का कार्यक्रम दिया गया है। इसमें फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना है। प्रदेश के हर बूथ पर कार्यक्रम होंगे। इसमें अधिक से अधिक लोगों को पेड़ लगाने हैं।

इसके साथ ही कल हर जगह पीएम के मन की बात सुनी जाएगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में धन्यवाद कार्यक्रम शुरू होंगे। इसकी रूपरेखा बनाई जाएगी। 5 केंद्रीय मंत्रियों के दौरे कार्यक्रम हरियाणा में रहेंगे। हारे हुए विधानसभा क्षेत्रों पर विशेष फोकस रहेगा।

हरियाणा में तीसरी बार सरकार का मंत्र देंगे शाह

गृह मंत्री अमित शाह इस बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक में साढ़े 4 हजार कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। बैठक का मुख्य उद्देश्य इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव हैं। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में भाजपा सिर्फ 5 लोकसभा सीटें ही जीत पाई थी। 90 विधानसभाओं में से भाजपा सिर्फ 42 सीटों पर ही आगे थी।

भाजपा को 46.06 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत 58 प्रतिशत था। 5 साल में पार्टी का वोट प्रतिशत राज्य में 11.06% कम हुआ है। भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले अपना वोट प्रतिशत मजबूत करना चाहती है।

ये हैं वो कारण जिनकी वजह से हरियाणा में भाजपा को 5 सीटें गंवानी पड़ीं…

1. सत्ता विरोधी लहर

राज्य में 10 साल से सत्ता में काबिज भाजपा सरकार के प्रति लोगों में जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर है, यह बात लोकसभा चुनाव नतीजों से साबित हो गई। जनता जगह-जगह खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर करती रही, लेकिन राज्य इकाई के नेता इसे ऐसे नजरअंदाज करते रहे जैसे बिल्ली को देखकर कबूतर आंख बंद कर लेता है। ऐसे में जैसे ही मौका मिला, जनता ने वोट के जरिए अपनी बात रखी।

2. जाटों और किसानों की नाराजगी

हरियाणा के जाट और किसान भाजपा से नाराज हैं। इस बात से वाकिफ होने के बावजूद राज्य सरकार न सिर्फ इन दोनों वर्गों की अनदेखी करती रही, बल्कि गैर-जाट राजनीति को बढ़ावा देकर एक तरह से उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम भी करती रही। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सिरसा संसदीय क्षेत्र और कई अन्य जगहों पर भाजपा नेताओं का विरोध करने वाले किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए। इसकी कीमत पार्टी को सिरसा, हिसार, अंबाला और कुछ हद तक कुरुक्षेत्र में चुकानी पड़ी।

3. चेहरे बदलने के कदम को नकारा गया

लोकसभा चुनाव की घोषणा से एक महीने पहले भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को हरियाणा की जमीनी हकीकत का इनपुट मिला। इसके बाद पार्टी ने सिरसा, सोनीपत और करनाल में अपने मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए। राज्य में सीएम का चेहरा भी बदल दिया गया, लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया।

5. पोर्टल राज से परेशानी
हरियाणा में भाजपा के आह्वान पर 9 साल के शासनकाल में सरकारी योजनाओं को ऑनलाइन करने और भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर पोर्टल शुरू किया गया। सीएम मनोहर लाल खट्टर का इस पर खास जोर रहा। आज राज्य में लगभग हर सरकारी योजना से जुड़ा अलग पोर्टल है। 13 सितंबर 2023 को तो खट्टर ने एक साथ 6 स्कीम शुरू करते हुए उनका पोर्टल शुरू कर दिया था। इनमें सीएम आवास योजना व पोर्टल, नो-लिटिगेशन पोर्टल, प्रो-ओबीसी प्रमाण पत्र पोर्टल, ई-रवन्ना पोर्टल व ई-भूमि का पोर्टल शामिल था। खेतीबाड़ी करने वालों को बीज लेने से लेकर फसल बेचने और खराब फसलों के लिए भी सक्षम बनाया गया था। पोर्टल पर अप्लाई करना अनिवार्य बना दिया गया। इससे क्षतिपूर्ति तो कम हुई लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी और अन्य समस्याओं के कारण बहुत सारे लोग परेशान भी होने लगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लगातार यह मुद्दा उठाया। उन्होंने तो यहां तक ​​कह दिया कि हरियाणा में सरकार की जगह पोर्टल-राज चल रहा है।

6. अग्निवीर के मुद्दे
हरियाणा से हर साल बड़ी संख्या में अग्निवीर सेना में जाते हैं। राज्य के रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर, रोहतक, भिवानी, सोनीपत से बड़ी संख्या में लोग सेना में जाते हैं। दक्षिणी हरियाणा खासकर अहीरवाल में सेना की वर्दी पहनकर खास तरह का दीवानापन दिखता है। मोदी सरकार ने जब सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निवीर योजना शुरू की थी, उस समय अकेले अहीरवाल में लगभग 50 हजार युवा सेना भर्ती की तैयारी कर रहे थे। जाहिर है कि ये युवा और इनके परिवार वाले अग्निवीर स्कीम के खिलाफ थे। इस निराशा को भाजपा ने यूएसबी से नहीं लिया जबकि कांग्रेस ने इसे अच्छी तरह भुनाया।

7. हरियाणा में भाजपा कार्यकर्ताओं और मंत्रियों के कार्यशैली को लेकर भी लोग दुखी हो रहे हैं। यही वजह रही कि जब पार्टी ने मनोहर लाल को हटाकर नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया तो हर किसी मंत्री भी बदल गए। हालांकि इससे कोई खास फायदा पार्टी को नहीं हुआ नजर आया।

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