Employees Permanent Policy: हरियाणा में अस्थायी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, हरियाणा के अस्थायी कर्मचारी होंगे स्थाई
HARYANA NEWS: हरियाणा में अस्थाई कर्मचारियों के लिए खुशखबरी अब अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई बनाया जाएगा। CM Nayab Saini मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में 5 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी जाने की पूरी पूरी संभावना है।
इस बैठक में यह भी तय किया जाना है कि कितने वर्षों की सेवा वाले कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा। 5 साल 7 साल 10 साल यह भी तय किया जाना है कि किन Policy कर्मचारियों को नियमित किया जा सकता है। अब तक की चर्चा के अनुसार हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्टेड कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में कई कर्मचारी है जो विभागों में काम कर रहे हैं। लेकिन उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं किया गया है। उन पर अगली बैठक में भी चर्चा की जाएगी।
सरकार पहले ही कर चुकी है समिति का गठन
हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों Employees को पक्के करने के लिए नीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था। वरिष्ठ अधिकारियों की समिति की पहली बैठक 26 जुलाई को हुई थी।
बैठक में पंजाब की राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा की गई। परतु पहली बैठक में नीति के मसौदे पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी। लेकिन इसकी पृष्ठभूमि पर भारी चर्चा की गई। समिति की दूसरी या तीसरी बैठक में नीति का मसौदा तैयार किया जा सकता है।
इस समिति के सदस्य है अधिकारी
समिति के अन्य सदस्यों में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार प्रधान सचिव डॉक्टर डी सुरेश आयुक्त व सचिव विकास गुप्ता मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव व आयुक्त एवं सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के विशेष सचिव पंकज, मानव संसाधन विभाग के विशेष सचिव डॉक्टर आदित्य दहिया, स्कूल व शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डा राजेंद्र वर्मा शामिल है।
इस समिति का गठन मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद ने किया था। सरकार ने कहा कि यह समिति अनुवाद पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों के लिए एक मसूदा नीति पर चर्चा करने और उन्हें तैयार करेगी।
पंजाब नीति पर भी हुई चर्चा
महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने पंजाब की नीति का भी उल्लेख किया है। इसलिए इस नीति के अच्छे बिंदुओं को बीच में शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कि अधिक से अधिक अस्थाई कर्मचारियों को इस नीति का फायदा मिल सके। लेकिन बहुत कुछ अधिकारियों की समिति के मसौदे पर ही निर्भर करेगा।